नई दिल्ली: हमारे देश में आलू की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि व्यवसाय है। अगर कुछ बातों का ध्यान रख कर इस फसल की खेती की जाए तो किसानों को इससे भारी मुनाफा हो सकता है। आलू की खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी का चयन करना चाहिए, साथ ही उचित खाद और सही तकनीक का प्रयोग करना चाहिए।
आलू की पैदावार को बढ़ाने के लिए किसानों को मिट्टी के परीक्षण के आधार पर खाद और उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए, गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद का प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही, सिंचाई का उचित प्रबंधन और जल निकासी का ध्यान रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अच्छी पैदावार के लिए, किसानों को रोग प्रतिरोधी बीज का चयन करना चाहिए। बीजों को बुवाई से पहले धूप में सुखाना चाहिए ताकि उनमें संवेदनशीलता बनी रहे।
खेत में बुवाई के समय, किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि कतारों की दूरी सही हो। बीजों को सही गहराई में बोना जरूरी है ताकि उन्हें पर्याप्त पोषण मिल सके।
आलू की फसल को नियमित रूप से सिंचाई की जरूरत होती है। इसे खासकर नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम की आवश्यकता होती है।
कटाई के समय पर भी इसकी प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए। यह तब किया जाना चाहिए जब आलू की पत्तियां पीली हो जाएं और गिरने लगें। कटाई के बाद, आलू को अच्छे से सुखा लेना चाहिए।
इन तकनीकों और टिप्स का पालन कर किसान अधिक और बेहतर उपज की उम्मीद कर सकते हैं। इससे उन्हें अधिक मुनाफा प्राप्त हो सकता है।