नई दिल्ली: जो लोग शेयर बाजार के जोखिम से दूर रहना चाहते हैं और फिक्स्ड डिपॉजिट के घटते ब्याज दर से परेशान हैं, सुकन्या समृद्धि योजना उनके लिए निवेश का एक बेहतर विकल्प है। यह योजना बेटियों के लिए केंद्र सरकार की एक छोटी बचत योजना है, जिसे ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत लॉंच किया गया था। छोटी बचत योजनाओं में सुकन्या समृद्धि सबसे बेहतर ब्याज दर वाली योजना है। केंद्र सरकार के एक फैसले से आम नागरिकों को इस योजना में निवेश करने का एक और मौका मिल रहा है। दरअसल, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कुछ फैसले किए हैं, जिनके जरिये लोगों को इस दौरान टैक्स छूट व सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं में निवेश के लिए कुछ और समय मिल सकेगा। अब लोग सुकन्या योजना में 31 जुलाई 2020 तक निवेश कर सकेंगे।
जिन्होंने अब तक सुकन्या खाते में पैसा जमा नहीं किया है, वो एक महीने के अंदर 250 रुपये जमा कर सकते हैं। इससे इस योजना के तहत 7.6 प्रतिशत की दर से ब्याज का लाभ मिल सकेगा। क्योंकि वित्तस वर्ष 2019-20 के लिए पीपीएफ और छोटी बचत स्कीमों में न्यूखनतम जमा की आखिरी तारीख 30 जून से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई है। गौरतलब है कि सुकन्या समृद्धि खाते में एक वित्तीय वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये व न्यूनतम 250 रुपये जमा किए जा सकते हैं। खाते में न्यूनतम राशि (250 रुपए) नहीं जमा करने पर खाते को बंद कर दिया जाता है।
सुकन्या समृद्धि खाते में 15 साल तक रुपये जमा किए जा सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष के दौरान इसमें न्यूनतम राशि जमा नहीं करने पर 15 साल की अवधि के दौरान इसे कभी भी रेग्युलराइज नहीं किया जाएगा। इसके लिए निवेशक को प्रति वर्ष के हिसाब से 50 रुपये जुर्माना देना होगा।
आपको बता दें कि बहुत कम निवेश के साथ खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना खाता दरअसल उन परिवारों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है, जो छोटी-छोटी बचत के जरिये बेटी के विवाह या उच्च शिक्षा के लिए रकम जमा करना चाहते हैं। इस योजना के नियम के तहत पहले एक वित्त वर्ष के दौरान खाते में 250 रुपये ही जमा किए जाते थे। तब इसे डिफॉल्ट अकाउंट माना जाता था। लेकिन 12 दिसंबर 2019 को सरकार द्वारा अधिसूचित नियम के तहत अब ऐसे डिफॉल्ट अकाउंट में जमा राशि पर उतना ही ब्याज मिलता है, जितना कि इस योजना के लिये निर्धारित किया गया था।