कृषि पिटारा

अब बैंक नहीं कर पाएंगे किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में आनाकानी

नई दिल्ली: ऋण लेकर खेती करने वाले किसानों की सहूलियत के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना को अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लिंक कर दिया गया है। पीएम किसान योजना के तहत देश के लगभग 11 करोड़ किसानों की जमीन और उनका बायोमिट्रिक रिकॉर्ड केंद्र सरकार के पास है। जिसकी वजह से अब किसान को लोन देने में बैंक अधिकारी पहले की तरह आनाकानी नहीं कर पाएंगे। फिलहाल देश में करीब 8 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड धारक हैं। सरकार का लक्ष्य है कि पीएम किसान स्कीम के सभी लाभार्थियों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हो। केंद्र सरकार ने मार्च 2021 तक देश भर में 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन बांटने का लक्ष्य रखा है।

अगर अभी तक आपने किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनवाया है तो आपको बता दें कि पीएम किसान की वेबसाइट पर केसीसी का फार्म उपलब्ध करवा दिया गया है। अब बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे सिर्फ तीन दस्तावेज लें और उसी के आधार पर किसानों को ऋण दें। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए अब आपको केवल आधार कार्ड, पैन नंबर और अपना फोटो देना होगा। इन दस्तावेजों से यह पुष्टि होगी कि आप किसान हैं या नहीं। इन दस्तावेजों के अलावा आपसे एक शपथ पत्र लिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि आप पर किसी बैंक में कर्ज का बकाया तो नहीं है।

गौरतलब है कि अब किसान क्रेडिट कार्ड सिर्फ खेती-किसानी तक ही सीमित नहीं है। पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी इसके तहत 2 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा। खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है। हाँ, इसके लिए उसकी न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसान को 3 लाख रुपये तक का कर्ज सिर्फ 7 प्रतिशत के ब्याज पर मिलता है। यही नहीं समय पर पैसा लौटा देने पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट भी मिलती है। ऐसे में अगर देखा जाए तो ईमानदार किसानों को सरकार 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण दे रही है।

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