पटना: बिहार सरकार ने जैविक खेती करने की चाह रखने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दरअसल, अब तक राज्य के ऐसे किसानों को मान्यता लेने के लिए सिक्किम से संपर्क करना पड़ता था। मगर अब ऐसा नहीं होगा। राज्य सरकार ने किसानों को जैविक खेती के लिए प्रमाण-पत्र देने के लिए बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाण एजेंसी यानी बसोका को मान्यता प्रदान कर दी है।
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने इस विषय में जानकारी दी है कि अब राज्य में जैविक खेती करने वाले किसानों को बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाण एजेंसी (बसोका) द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। आपको बताते चलें कि जैविक खेती का प्रमाणीकरण अति महत्वपूर्ण होता है। कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने यह भी बताया कि, “इसके लिए राज्य के 12 जिलों में जैविक कॉरिडोर बनाए गए हैं। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। जैविक प्रमाणीकरण गुणवत्ता गारंटी की एक पद्धति है, जो निर्धारित मानकों एवं निर्यात नीति का पालन करने के लिए तय गुणवत्ता को सुनिश्चित करती है।”
आपको बता दें कि, बसोका को प्रमाणीकरण की मान्यता प्राप्त होने से उपभोक्ताओं को यह गारंटी मिलेगी कि उपयोग किए जा रहे जैविक उत्पाद के उत्पादन में निर्धारित मानकों का प्रयोग किया गया है।
सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के पीछे यह उद्देश्य है कि इससे राज्य में अधिक से अधिक किसान जैविक खेती को अपनाएंगे। यही नहीं, कृषि उत्पादन को राज्य में ही जैविक प्रमाणीकरण मिलने से देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बिहार के कृषि उत्पादों का निर्यात हो सकेगा। इससे किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त कर पाने की संभावना भी बढ़ेगी।