नई दिल्ली: आज अनेक युवा ऊँची पढ़ाई के बाद अच्छे करियर को छोड़ कर कृषि से जुड़ रहे हैं। इनमें से कुछ वो हैं जो कृषि कार्यों से प्रत्यक्ष रूप में जुड़े हुए हैं तो कुछ परोक्ष रूप से। इसमें ख़ास बात ये है कि, कृषि के क्षेत्र में नई पीढ़ी का आना कृषि और किसानों के लिए एक सकारात्मक उम्मीद जैसी है।
कृषि के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक अच्छी ख़बर आई है। दरअसल, खाद और बीज की दुकान शुरू करने के लिए अब किसी की डिग्री चुनौती नहीं बनेगी। अगर 10वीं पास व्यक्ति खाद-बीज की दुकान का लाइसेंस लेना चाहता है तो वो अब इसे आसानी से प्राप्त कर पाएगा। पर हाँ, इसके लिए उसे कृषि विभाग से 15 दिन की ट्रेनिंग ज़रूर लेनी होगी।
आपको बता दें कि पहले कृषि और किसान कल्याण विभाग ने कीटनाशक दवाओं के साथ खाद और बीज विक्रेताओं के लिए बीएससी एग्रीकल्चर या फिर डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फॉर इनपुट की डिग्री अनिवार्य तौर पर लेनी पड़ती थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इस नियम में थोड़ी ढील देते हुए कीटनाशक व खाद-बीज का कारोबार करने के इच्छुक युवाओं के काफी सहूलियत दी है।
नए नियमों के अनुसार कृषि स्नातक युवाओं के साथ-साथ 10वीं पास युवा भी कृषि विभाग से लाइसेंस प्राप्त कर खाद एवं बीज विक्रेता बनने का लाइसेंस अब आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें उप निदेशक कृषि प्रसार के कार्यालय से 15 दिन का प्रशिक्षण लेना होगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें खाद बीज बिक्री का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
अगर बात करें कीटनाशक एवं खाद-बीज की बिक्री के लिए लाइसेंस पाने वाले वाले आवेदक की उम्र सीमा की तो यह 18 से लेकर 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक की अधिकतम उम्र सीमा में राज्य, केंद्र, बोर्ड या निगम से सेवानिवृत कर्मचारियों को छूट दी गयी है। वे 65 वर्ष की उम्र तक आवेदन कर सकते हैं।
भारत सरकार ने न केवल नियमों में संशोधन कर कीटनाशक और खाद-बीज के कारोबार के लिए लाइसेंस लेने के नियम को आसान बनाया है बल्कि इसके लिए प्रशिक्षण के लिए अलग से पाठ्यक्रम भी तय किया है। इसके तहत कीटनाशक व खाद-बीज की बिक्री के बारे में अच्छे से जानकारी दी जाएगी।