नई दिल्ली: देश के छोटे तथा सीमांत किसानों की आजीविका को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत कर राखी है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को सालाना छह हजार रुपये देती है। यह राशि किसानों के बैंक खाते में दो-दो हजार की तीन किस्तों में पहुँचती है। मगर बीते कुछ समय में इसमें कुछ गड़बड़ियां देखने को मिल रही हैं, जिन्हें सरकार ने ठीक करने का फैसला कर लिया है।
जी हाँ, 2019 में शुरू हुई इस योजना की पुरानी व्यवस्था में सरकार अब कुछ अहम बदलाव कर रही है। दरअसल, अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 6 हजार रुपये की राशि अब सिर्फ उन्हीं किसानों को प्राप्त होगी जिनके पास भूमि का मालिकाना हक है। अब इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को हर हाल में खेत का म्यूटेशन यानी दाखिल-खारिज अपने नाम से करवाना होगा। इसका मतलब यह हुआ कि अब पुरखों के नाम के खेत में अपने हिस्से का भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अब इस योजना के लिए मान्य नहीं होगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में नए रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को अब आवेदन फॉर्म में अपनी जमीन का प्लाट नंबर भी बताना होगा। इसके आलवा अगर कोई किसान किसी दूसरे किसान से किराए पर जमीन लेकर खेती करता है, तो उसे भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानी अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए भूमि का मालिकाना हक अनिवार्य हो गया है। नए नियमों का प्रभाव योजना से जुड़े पुराने लाभार्थियों पर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने यह कदम इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया है।