चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने इस साल डीएपी की उपलब्धता को लेकर अहम जानकारी दी है, जिसमें राज्य में 1 से 10 नवंबर के बीच डीएपी की खपत 53,164 मीट्रिक टन रही, जो पिछले साल की इसी अवधि की खपत (32,441 मीट्रिक टन) से काफी अधिक है। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने स्पष्ट किया कि किसानों को डीएपी की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं है और राज्य में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। वर्तमान में 23,748 मीट्रिक टन डीएपी स्टॉक में है, और 15 नवंबर तक अतिरिक्त 9,519 मीट्रिक टन की आपूर्ति की संभावना है।
राणा ने इस संदर्भ में अधिकारियों के साथ बैठक की और किसानों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राज्य में एक भी एकड़ भूमि को डीएपी की कमी के कारण बिना बोने न छोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि हरियाणा में इस वर्ष 1,86,658 मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है, जिसमें अक्टूबर में 53,970 मीट्रिक टन का स्टॉक शामिल था।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि एनपीके और सिंगल सुपर फॉस्फेट जैसे अन्य उर्वरकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, और राज्य में 65,200 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है।
कांग्रेस द्वारा उठाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए, मंत्री ने कहा कि हरियाणा की मंडियों में धान और बाजरा खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। अब तक 11,522 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है, जिसमें धान के लिए 10,510.79 करोड़ रुपये और बाजरा के लिए 1,011.31 करोड़ रुपये शामिल हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में धान की खरीद का काम तेजी से चल रहा है, और हर फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जा रही है।