नई दिल्ली: व्यावसायिक उद्देश्य से टमाटर की खेती कर कृषि के जरिये आप बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। कुछ बातों का ध्यान रख कर आप पूरे साल टमाटर उगा सकते हैं। हालांकि ऐसा करने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो। पके हुए टमाटर लंबे समय तक संरक्षित नहीं किए जा सकते हैं। इसलिए, टमाटर को चुनने के तुरंत बाद इसे बाजार में ले जाना ज़रूरी होता है। बाजार में टमाटर की मांग साल भर होती है। इसलिए टमाटर की खेती में जाहिर तौर पर बढ़िया लाभ है।
टमाटर की खेती के दौरान हमें कुछ बातों का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि, टमाटर के बीज के लिए 26 से 32 डिग्री सेंटीग्रेड तक का तापमान उपयुक्त होता है। जब टमाटर के रंग विकसित होते हैं तो तापमान 18 डिग्री से 26 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की आवश्यकता होती है। तापमान की यह दशा टमाटर की बढ़िया पैदावार लेने में सहायक साबित होती है।
अगर बात करें टमाटर के लिए उपयुक्त मिट्टी की तो टमाटर के पौधे के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली रेतीली या अच्छी तरह से सुखी हुई मिट्टी बेहतर होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए। यदि आप टमाटर को बोने से पहले मिट्टी की जाँच करवा लें तो बेहतर पैदावार पाने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
टमाटर के पौध रोपण के समय पौधों की क्यारियों के बीच की दूरी को 60 सेमी से 100 सेमी तक बनाए रखना चाहिए। क्यारियों की लम्बाई आप अपनी सुविधा के अनुसार रख सकते हैं। नर्सरी की मिट्टी को 1 महीने से 45 दिनों तक पॉलीथीन के साथ कवर करके सूर्य की रोशनी में रखने की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया नर्सरी में कई प्रकार के खरपतवारों को उगने से बचाती है। इससे बीज बैक्टीरिया, बीमारियों व कीटों के हमले से सुरक्षित रहते हैं।
किसान मित्रों, टमाटर की खेती के लिए भूमि की तैयारी करते समय खेत में नीम की खाद अवश्य डालें। इससे बीजों पर कीटों के हमले की संभावना काफी कम हो जाती है। किसान मित्रों, टमाटर की खेती के लिए भूमि को इस प्रकार से तैयार करें कि यह पिछली फसलों के समय के किसी भी खरपतवार से मुक्त हो जाए। इसके लिए कम से कम 2 से 3 बार खेत की जोताई करें। यही नहीं, मिट्टी में आवश्यक खाद जैसे गोबर, नीम केक, कम्पोस्ट आदि को मिलाकर मिट्टी को पोषक तत्त्वों से समृद्ध करें। टमाटर की खेती में आपको हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सिंचाई सही समय पर और सही तरीके से उपलब्ध हो। गर्मियों के मौसम के दौरान आपको 4 से 7 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।
इन उपायों को अपनाकर आप टमाटर के फल को पौधों के रोपण के 8 से 12 सप्ताह के बाद परिपक्व होने की उम्मीद कर सकते हैं। फल की तुड़ाई करते समय इस बात का ज़रूर ध्यान रखें कि पूरी तरह से विकसित, लाल हो चुके और स्वस्थ टमाटरों को ही पेड़ों से तोड़ा जाए।