नई दिल्ली: एलोवेरा की खेती आज के समय में एक अच्छा मुनाफा देने वाली खेती साबित हो रही है। इसकी मांग निरंतर बढ़ रही है। अनेक बड़ी कंपनियाँ इससे निर्मित उत्पादों को बाज़ार में उतार रही हैं। इससे एक बात तो साफ है कि अगर आप उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले एलोवेरा का उत्पादन करते हैं तो इसके खरीदार आपको आसानी से मिल जाएंगे। एलोवेरा की खेती से पहले ज़रूरी है कि पूरी जानकारी और प्रशिक्षण के साथ इसमें हाथ आजमाया जाए। नहीं तो आपको फायदे की जगह पर नुकसान हो सकता है। क्या हैं वो खास बातें और सावधानियाँ जिनकी जानकारी आपके लिए ज़रूरी है? चलिये एक एक करके जानते हैं।
किसान मित्रों, जलभराव वाले इलाकों में एलोवेरा की खेती नहीं करें।
एलोवेरा की प्रोसेसिंग कर अच्छी कमाई की जा सकती है। जहाँ तक हो सके कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट करने के बाद ही इसकी खेती की शुरुआत करें।
आप ख़रीदारों को एलोवेरा की पत्तियाँ बेचें, इससे बेहतर होगा कि आप इसके पल्प की बिक्री करें। क्योंकि पल्प निकालकर बेचने पर आपको 4 से 5 गुना ज्यादा मुनाफा होगा।
8 से 18 महीने में एलोवेरा की पहली कटाई ज़रूर कर लें। इससे आपका मुनाफा बढ़ेगा।
एलोवेरा की कटी पत्तियों को 4-5 घंटे में प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचना जरूरी है। इसलिए इसमें देरी ना करें।
अगर आप अपना प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहते हैं तो आपको पहले अपने जिले के FCCI से लाइसेंस लेना होगा। इसके बाद ही आप अपने व्यवसाय की शुरुआत कर पाएंगे।
आज अनेक कंपनियाँ एलोवेरा से बने लोकप्रिय उत्पाद बना रही हैं। जैसे – हिमालया, पतंजलि और डाबर आदि। आप अगर बड़े पैमाने पर एलोवरा का उत्पादन करना चाहते हैं तो किसी बड़ी कंपनी से अपने उत्पाद की बिक्री का कॉन्ट्रैक्ट कर लें। इससे भाव गिरने की स्थिति में भी नुकसान की संभावना कम होगी।
सीमैप में एलोवेरा की खेती की ट्रेनिंग दी जाती है। अगर आप एलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहते हैं तो सीमैप से कुछ महीनों की ट्रेनिंग ले सकते हैं। इससे आपको इसकी खेती का अच्छा ज्ञान हो जाएगा। यहाँ दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होता है और निर्धारित फीस जमा करने के बाद आपको ये ट्रेनिंग बड़ी आसानी से मिल सकती है।
आप चाहें तो एलोवेरा का पल्प निकालने या सीधे प्रोडक्ट बनाने की प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित कर सकते हैं। इससे आपका मुनाफा बढ़ जाएगा।
गौरतलब है कि एक एकड़ में एलोवेरा की खेती करने पर पहले वर्ष में इसमें 80 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक की अनुमानित लागत आती है। जहाँ इसकी पत्तियाँ 4 से 7 रुपए प्रति किलो तक में बिकती हैं वहीं इसका पौधा 3-4 रुपए प्रति पौधा जबकि पल्प 20-30 रुपए प्रति किलो के भाव में बिकता है। एक एकड़ में एलोवेरा के करीब 16 हजार पौधे लगते हैं। इस प्रकार एलोवेरा की खेती से होने वाले लाभ का आप आसानी से अनुमान लगा सकते हैं।