कृषि पिटारा

नारी सशक्तिकरण की बनी मिसाल, एक महिला ने खेती करके शुरू की यह पहल

अब यह कहना न्यायोचित नहीं होगा कि महिलाएं घर की दहलीज तक ही सीमित हैं। महिला सशक्तिकरण को लेकर जहां एक ओर सरकार सक्रीय है वहीं दूसरी ओर महिलाएं स्वयं भी अब सभी जगह बराबर की भागीदारी निभा रही हैं। महिलाएं घर की दहलीज से निकलकर नित नए आयाम गढ़ रही हैं। राजनीति, नौकरशाही से लेकर खेती किसानी में भी महिलाएं अपना हुनर दिखा रही हैं। इसी कड़ी में रायबरेली जिले की रहने वाली सुमन देवी ने भी घर की दहलीज से निकलकर सामाजिक ताने बानों की परवाह न करते हुए अपनी कार्य कुशलता के चलते समाज में अपनी एक नई पहचान बनाई है। सुमन देवी अपनी लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पर पत्ता गोभी, फूल गोभी, टमाटर , मिर्च की खेती कर रही हैं।

कम लागत से लाखों का हो रहा फायदा

सुमन ने बताया की सब्जी की खेती में जैविक खाद का उपयोग किया जाता है।अब खेती का सब काम खुद से ही करती हैं।एक एकड़ में लगभग 30 से 40 हजार रुपए की लागत आती है।तो वहीं लागत के सापेक्ष सीजन में डेढ़ से 2 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।

पति घर से बाहर करते मजदूरी

सुमन देवी के मुताबिक उनके पति लखनऊ शहर में मजदूरी करते है, तो वह अपने घर का सारा घरेलू कार्य निपटाने के बाद सारा समय खाली रहती थी। फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न अपने खेतों में कुछ किया जाए। तो उन्होंने अपनी लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पर परंपरागत खेती न करके बागवानी की खेती शुरू की जिससे वह कम लागत में घर बैठे अधिक मुनाफा कमा रही हैं। सुमन देवी अपनी लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पर पत्ता गोभी, फूल गोभी, टमाटर , मिर्च की खेती कर रही हैं।

जैविक खाद का उपयोग के साथ कर रही सब्जी की खेती

महिला किसान सुमन देवी ने बताया की सब्जी की खेती में जैविक खाद का उपयोग किया जाता है. अब खेती का सब काम खुद से ही करती हैं, जिससे उनका खेती का खर्च भी कम हो जाता है।

पंकज कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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