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अनाज के भंडारण में रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल है खतरनाक, अपनाएँ ये जैविक विधियाँ

नई दिल्ली: एक किसान खेती में अपनी एक बड़ी पूँजी लगाकर दिन-रात मेहनत करता तब कहीं जाकर खेत से उसके घर तक अनाज पहुँच पाता है। ऐसा नहीं है कि किसान के घर तक अनाज पहुँच जाने के बाद उसकी चुनौतियाँ समाप्त हो जाती हैं। एक तरह से देखा जाए तो किसान के सामने असली चुनौती तो अब खड़ी होती है – पूरे साल की मेहनत के बाद प्राप्त हुए पैदावार को सुरक्षित रखने की चुनौती।

जी हाँ, अक्सर देखा जाता है अनाजों के भंडारण का सही तरीका मालूम नहीं होने की वजह से वर्षों की मेहनत थोड़े से ही समय में बर्बाद हो जाती है। इसलिए विभिन्न अनाजों के भंडारण का सही तरीका मालूम होना भी सभी किसानों के लिए बेहद ही ज़रूरी है।

यदि गेहूँ का भंडारण ठीक से न किया जाए तो इसमें घुन लगने की काफी अधिक संभावना होती है। गेहूँ को घुन लगने से बचाने के लिए आप उसमें प्याज मिला सकते हैं। जहाँ तक मात्रा की बात है तो 1 क्विंटल गेहूं में आप आधा किलो प्याज मिला सकते हैं। प्याज मिलाते समय सबसे पहले नीचे सतह पर प्याज रखें, उसके ऊपर गेहूँ और फिर बीच में प्याज फिर गेहूँ और अंत में सबसे ऊपर प्याज रखकर बोरी या डब्बे को बंद कर दें। इससे गेहूँ में घुन नहीं लगेंगे। इसके अलावा अगर आप नीम की पत्तियों को छाँव में सूखाकर भी गेहूँ में मिला दें तो भी कीड़ों या घुन से गेहूँ की सुरक्षा होती है।

चावल को कीड़ों से बचाने की विधि काफी आसान है। इसके लिए दस किलो चावल में 50 ग्राम पुदीना रखें। इससे चावल में कीड़े नहीं लगते हैं। आप चने, छोले और गेहूँ को तो धूप में सुखा सकते हैं, लेकिन चावल को धूप में न सुखाएं। ऐसा करने से यह खराब हो जाता है। चावल को कीड़ों से बचाने के लिए साबूत लालमिर्च और साबूत नमक को भी डब्बे में डाला जा सकता है। यह भी एक काफी कारगर उपाय है।

दाल में कीड़े ना लगें इसके लिए उसपर सरसों का तेल लगाएं और धूप में सुखाकर किसी कंटेनर में रखें। इससे दाल ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रहेगी। जहाँ तक हो सके अनाजों में रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से बचें। फिर भी अगर इनका इस्तेमाल करना अगर बहुत आवश्यक हो जाए तो इस बात का खयाल रखें कि अनाजों को इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह धो कर सुखाया गया हो।

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