नई दिल्ली: हमारे देश में पशुपालन का व्यवसाय तेजी से उन्नत सरूप ले रहा है। कई किसान इसे सीमित मात्रा में अपना रहे हैं तो कुछ इसे एक व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। अगर आप व्यावसायिक स्तर पर पशुपालन की शुरुआत करना चाहते हैं तो यह आवश्यक है कि पशुओं की उचित देखभाल की जाए। इसमें आधारभूत संरचना के साथ-साथ उनके खानपान का विशेष ध्यान रखना शामिल है। क्योंकि यदि पशु स्वास्थ्यवर्धक आहार लेंगे तभी दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, उचित खानपान का ध्यान रखना इसलिए भी आवश्यक है ताकि उनकी जीवन प्रत्याशा अधिक हो सके।
पशुपालक दूध बढ़ाने के लिए अक्सर पशुओं को हरा चारा देते हैं। पशुओं के लिए यह एक काफी लोकप्रिय आहार है। ऐसा माना जाता है कि दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए हरा चारा बहुत आवश्यक है। लेकिन यदि किसी कारणवश आप हारा चारा जूटा पाने में असमर्थ हैं तब भी आप इसके वैकल्पिक आहारों को अपना कर पशुओं से अच्छी मात्रा में दूध प्राप्त कर सकते हैं। आपको यह जान लेना चाहिए कि पशुओं के आहार में मुख्यतौर पर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज तत्व व विटामिन का शामिल होना बहुत आवश्यक है। हमारे यहाँ पशु आहार में कार्बोहाइड्रेट की समस्या नहीं है लेकिन प्रोटीन, खनिज एवं विटामिन ‘ए’, ‘डी’, ‘ई’ व ‘के’ की विशेष कमी है। जबकि ‘सी’ तथा ‘बी’ श्रेणी के विटामिन इनके पेट में खुद बन जाते हैं।
ऐसे में पशु वैज्ञानिकों का कहना है कि पशुओं के लिए गैर-दलहनी चारों के मिश्रण का समावेश होना चाहिए। पांच लीटर तक दूध देने वाले पशुओं को केवल अच्छी प्रकार के हरे चारे पर रख कर दूध प्राप्त किया जा सकता हैं। ऐसे पशुओं को प्रति 2.0 या 2.50 लीटर दूध पर 1 कि.ग्रा. अतिरिक्त दाना देना चाहिए। दाने में एक भाग खली, एक भाग अनाज व एक भाग चोकर होने पर यह संतुलित व सस्ता रहता है। दाने में 2 प्रतिशत खनिज लवण व 1 प्रतिशत नमक का होना अत्यन्त आवश्यक है। बरसीम व अन्य दलहनी चारे को भूसे में मिलाकर देना चाहिए।
सारांशतः इन बातों का ध्यान रखकर आप पशुओं से अच्छी मात्रा में दूध प्राप्त कर सकते हैं:
– पशुपालक दूध बढ़ाने के लिए हरे चारे का सुझाव देते हैं।
– गाय-भैंस प्रजाति के पशुओं को हरे चारे, भूसा और धान के पुआल पर निर्भर रखना अत्यंत आवश्यक है।
– पशुओं के आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज तत्व, और विटामिन का संतुलन होना आवश्यक है।
– दाने में खली, अनाज और चोकर सहित विभिन्न तत्वों का सही संघटन होना चाहिए।
– गाय-भैंस को सानी बनाने से दूध उत्पादन में सुधार हो सकता है।
– पशु वैज्ञानिकों के मुताबिक, पशुओं को गैर-दलहनी चारों के मिश्रण का समावेश करना चाहिए।
– पांच लीटर तक दूध देने वाले पशुओं को अच्छी प्रकार के हरे चारे पर रखकर भी दूध प्राप्त किया जा सकता है।
– पशुपालकों को खनिज मिश्रण देने की सलाह दी जा रही है, जो गर्मी और जाड़े में अनुसार विभिन्न परिस्थितियों के लिए सुझाया जा रहा है।
– खनिज मिश्रण को नियमित रूप से पशुपालकों को देने से पशुओं के गर्भधारण दर में भी सुधार हो सकता है।