पटना: बिहार में एकीकृत उद्यानिक विकास योजना के तहत् अंतरवर्ती फसलों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे बाग-बगीचों की खाली जमीन का समुचित उपयोग हो सकेगा और कृषि उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। राज्य सरकार की इस योजना को फिलहाल भागलपुर जिले में लागू किया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसानों को उद्यान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है।
राज्य सरकार द्वारा एकीकृत उद्यानिक विकास योजना के तहत् अंतरवर्ती फसल योजना में किसानों के लिए अनुदान की व्यवस्था की गई है। किसानों को अलग-अलग सब्जियों और मसालों की खेती के लिए अलग-अलग अनुदान दिया जाएगा। सरकार की योजना के तहत् आम व लीची के बाग में हल्दी, अदरक और ओल की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। क्योंकि ये तीनों फसलें पेड़ की छाँव में भी अच्छा विकास कर सकती हैं। छाँव की वजह से इनकी गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। इस तरह से किसानों को इनकी खेती से अतिरिक्त आमदनी होगी।
अंतरवर्ती फसल योजना के अंतर्गत्त योग्य किसान को सरकार की ओर से अधिक से अधिक दो यूनिट भूमि पर लाभ मिलेगा। इसके लिए 0.36 हेक्टेयर भूमि को एक यूनिट माना गया है। भागलपुर जिले में जो लक्ष्य दिया गया है, उसके अनुसार ओल की खेती 50 हेक्टेयर बाग में कराई जाएगी। हल्दी की खेती 200 हेक्टेयर बाग में, जबकि अदरक की खेती 30 हेक्टेयर बाग में कराई जाएगी। जिन किसानों का पहले से बाग लगा हुआ है, वो भी इस योजना का लाभ लेने के हकदार होंगे। जहाँ तक अनुदान की राशि का सवाल है तो ओल की खेती पर प्रति यूनिट किसानों को 41 हजार रुपए दिये जाएंगे। इसी तरह हल्दी की खेती के लिए प्रति यूनिट 11 हजार 150 रुपए, जबकि अदरक की खेती के लिए किसानों को 38 हजार रुपए दिये जाएंगे।