औरंगाबाद के सिरिस स्थित पुनपुन नदी के घाट पर इन दिनों पिंडदानियों का जमावड़ा लगा हुआ है। सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में पिण्डदानी हर रोज़ यहां आते हैं और पिंडदान की प्रथम वेदी माने जानेवाले पुनपुन नदी के घाट पर अपने पितरों का श्राद्ध तर्पण करते हैं।
लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घाट पर इन पिंडदानियों की सुविधा के लिए मुलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। ऐसा तब है जबकि सरकारी तौर पर इस घाट की बंदोबस्ती भी की गयी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 02 के किनारे सिरिस स्थित पुनपुन घाट पितृपक्ष को लेकर श्रद्धालुओं से पटा पड़ा है और प्रतिदिन तड़के से ही पिडदान का सिलसिला शुरू हो जाता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन और पूजन की विविध परंपराओं के विधान से पूरा माहौल धार्मिक हो गया है।
बता दें कि पितृपक्ष के दौरान पितरों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए बिहार के गया में पिडदान से पहले देश-विदेश से आये श्रद्धालु औरंगाबाद जिले के सिरिस और जम्होर स्थित पुनपुन नदी के किनारे पिडदान करते हैं।