नई दिल्ली: जंगलों से जड़ी-बूटियों का संग्रह करने वालों और औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों को अब इन्हें औने-पौने दामों पर बेचने की मजबूरी नहीं रहेगी। क्योंकि नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड यानी एनएमपीबी ने औषधीय पौधों के व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत एनएमपीबी ने एक ऑनलाइन बाजार पोर्टल www.echarak.in और एक मोबाइल ऐप ई-चरक लॉन्च किया है। इस ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग इंटरनेट ब्राउज़र या मोबाइल ऐप दोनों में से किसी भी माध्यम से किया जा सकता है। अगर आप ई-चरक ऐप का उपयोग करना चाहते हैं तो एंड्रॉइड फोन उपयोगकर्ता इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
किसान मित्रों, आप एक बहुत ही आसान प्रक्रिया से गुजर कर ऐप में अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके बाद आपको एक यूजर आइडी और पासवर्ड प्राप्त होगा। रजिस्टर्ड व्यक्ति के मोबाइल नम्बर या ईमेल आइडी पर खरीदारों के द्वारा सम्पर्क करने की सुविधा मौजूद है। ई-चरक मोबइल ऐप के कारण औषधियों की मार्केटिंग से बिचौलिए दूर हो गए हैं। जड़ी-बूटियों का संग्रहण करने वाले लोग या किसान इस ऐप के जरिए औषधीय उत्पाद बनाने वाली कम्पनियों से भी जुड़ गए हैं। इससे औषधीयों की खरीद-बिक्री का एक राष्ट्रीय स्तर का नेटवर्क बन गया है। इस ऐप से अभी तक दस हजार से अधिक लोग जुड़ चुके हैं और जरूरतमंद लोग एक-दूसरे से सम्पर्क कर ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीद-बिक्री कर रहे हैं।
गौरतलब है कि ई-चरक ऐप में और इसकी वेबसाइट पर देशभर की मंडियों के रेट भी उपलब्ध हैं। इनके जरिये एक निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद किसान और व्यापारी अपने सैम्पल का सर्टिफिकेशन भी करा सकते हैं। ई-चरक के जरिए दूसरे राज्यों की एजेंसियां भी सैम्पल मंगाकर ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए ऑर्डर दे सकती हैं।