कृषि पिटारा

औषधीय फसलों की खेती के ये हैं प्रमुख लाभ

नई दिल्ली: कई पारंपरिक फसलों के मुक़ाबले औषधीय फसलों की खेती के जरिये आजकल अच्छी आमदनी हो रही है। औषधीय फसलों की खेती से किसानों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। वर्षों से खेत में एक ही तरह की फसल उगाने से पैदावार क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिक खेत में फसल विविधता के लिए औषधीय फसलों की खेती करने की सलाह देते हैं। इससे फसल की पैदावार में काफी वृद्धि देखने को मिलती है।

फसल विविधता के इस क्रम में अगर गेहूं और धान के खेतों को खाली होने के बाद अगर आप उसमें औषधीय पौधों की खेती करेंगे तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी। क्योंकि अगली बार जब आप उसी खेत में धान और गेहूं उगाएंगे तो आपको अधिक पैदावार प्राप्त होगी। इसके अलावा औषधीय पौधों की खेती कम जगह में करने पर भी कीमत अधिक होने के कारण लाभ अधिक होता है।

बाजार में औषधीय फसलों की कीमत अधिक है। जिन किसानों के पास कम जमीन है वो औषधीय फसलों की खेती करके कई अन्य फसलों की खेती से अधिक लाभ कमा सकते है। औषधीय पौधों में खरपतवार एवं कीटों का प्रकोप कम होता है। इससे अच्छे उत्पादन की संभावना हमेशा बनी रहती है।

औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों की संख्या अभी बहुत सीमित है। इसलिए बाजार की मांग के अनुसार पूर्ति पूरी तरह नहीं हो पाती है। जिससे इनकी कीमत हमेशा अधिक रहती है। इसीलिए औषधीय फसलों की खेती करने वाले किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है।

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