कैसा महसूस करेंगे हम जब अचानक से हमारे सारे शब्द छीन लिए जाएँ? या फिर शब्द हमारे पास रहें और हम उन्हें बोल न पाएँ? हमें अपनी बातें समझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ जाए? हम शब्दों के जरिये अपना प्रेम और अपनी करुणा न दर्शा पाएँ? कल्पना कर ही रूह काँप उठती है। पर उनका क्या जो हर रोज इन परिस्थितियों से दो-चार होते हैं?
चलिए, आज उस दुनिया में चलते हैं। शायद हमें हमारा फ़र्ज़ याद आ जाए…
यदि ये वीडियो आपको अच्छी लगी या यदि आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हैं तो कृपया हमें info.radiopitaara@gmail.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें गांवों की कोई भी सकारात्मक ख़बर या उसका वीडियो 89290 38128 पर भेज सकते हैं।