मुंगेर में डिजिटल इंडिया के चौथे वर्षगांठ पर मुंगेर डाक अध्यक्ष ने एक प्रेस कांफ्रेस की. प्रेस क्रांफेस के माध्यम से उन्होनें बताया कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के आने से डाक विभाग की सारी योजनाएं अब ऑनलाइन हो गई है. जिससे अब लोंगो को लाइन लगने की जरूरत नही है. सब लोग घर बैठे ही अपना काम कर सकते हैं। 1 जुलाई 2015 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व डाक विभाग के मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस योजना का शुभारंभ किया था।
कब शुरू हुआ था डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम भारत को डिजिटल तौर पर सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम है। इस अभियान के तहत शिक्षा, अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी दफ्तरों को गांव से देश की राजधानी से जोड़ा जाएगा। जिसके लिए 2019 तक 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध होगा। जिसके माध्यम से आम आदमी सरकार से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ेगा। इसके अलावा सरकार देशभर में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराएगी। ताकि आम आदमी को किसी भी काम के लिए इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही सारे काम ऑनलाइन होने से कागज की भारी बचत होगी जिससे पर्यावरण को भी फायदा होगा।
डाक सेवा में डिजिटल क्रांति
प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत भारतीय डाक विभाग विभिन्न प्रोजेक्टों के माध्यम से देशवासियों को बेहतर सेवाएं देने के लिये कदम बढ़ा रही है. इस तकनीक के माध्यम से रजिस्ट्री पत्र, स्पीड पोस्ट, बचत खाता आदि का डिजिटलाइजेशन से संभव हो सका. अब सभी कार्य सेंट्रल सर्वर से निष्पादित होंगे. अब किसी भी रजिस्ट्री पत्र, स्पीड पोस्ट का ट्रेस एवं ट्रैकिंग स्पष्ट एवं सही ढंग से हो सकेगा.अब किसी भी डाकघर में एक ही काउंटर से सभी सेवाएं जल्द एवं आसानी से मिलेगी. इससे जनता को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लक्ष्य की ओर बढ़ने का एक विशेष कदम है. इस सिस्टम से रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट जल्द मिलने से आम जनता एवं डाटा डिजिटलाइजेशन होने से डाक कर्मियों को भी राहत मिलेगी.अब किसी भी डाकघर में एक ही काउंटर से सभी सेवाएं जल्द एवं आसानी से मिलेगी.