कृषि पिटारा

बिहार: बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान की होगी भरपाई

पटना: असामयिक बारिश की वजह से राज्य के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। खरीफ मौसम में भी देर से बारिश के कारण फसल को नुकसान हुआ था। फिर रबी मौसम में भी लगातार बारिश और ओलावृष्टि के चलते कई जिलों में फसल को क्षति हुई है। दलहन, तिलहन सहित गेहूँ की फसल को काफी अधिक नुकसान हुआ है।

आपको बता दें कि 13 व 14 मार्च को हुई बारिश और ओलावृष्टि में मगध व भागलपुर प्रमंडल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। मगध प्रमंडल के गया, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद व अरवल जिले में ओलावृष्टि से व्यापक क्षति की सूचना मिल रही है। खास तौर पर दलहन व तिलहन की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। भागलपुर प्रमंडल के भागलपुर व बांका जिले में फसलों को 60 प्रतिशत तक नुकसान पहुँचा है। वहीं पटना प्रमंडल के पटना, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, कैमूर जिले में भी फसलों को 35 से 40 प्रतिशत क्षति पहुँचने की सूचना मिल रही है।

अगर बात करें सारण प्रमंडल की तो इसके अंतर्गत सारण, सिवान व गोपालगंज जिलों में भी फसलों को नुकसान हुआ है मगर अल्प मात्रा में। इन जिलों में ओलावृष्टि की वजह से फसलों को पाँच से दस प्रतिशत तक क्षति हुई है। कुछ ऐसा ही हाल तिरहुत प्रमंडल का भी है। इसके अंतर्गत मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली और शिवहर जिले में भी फसलों को थोड़ी क्षति पहुँची है। दरभंगा प्रमंडल के समस्तीपुर, मधुबनी व दरभंगा जिले दलहन व तिलहन को ज्यादा और गेहूँ की फसल को 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। कोसी प्रमंडल के सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जिले में फसलों को अल्प क्षति हुई है। जबकि पूर्णिया प्रमंडल के कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज जिलों में फसलों की क्षति की कोई सूचना नहीं है। मुंगेर प्रमंडल के लखीसराय व जमूई में सिर्फ मसूर व राई-सरसों की फसल को क्षति पहूँची है।

बदलते मौसम की वजह से राज्य के विभिन्न हिस्सों में फसलों को हुए नुकसान पर कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सभी जिलों से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। इस दिशा में कृषि मंत्री ने रविवार को सभी प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक व जिला कृषि पदाधिकारियों के साथ विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। इस दौरान उन्होने पूरी सतर्कता के साथ रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये और कहा कि प्रभावित किसान व खेत का एक भी रकबा छूटना नहीं चाहिए। क्योंकि फसल नुकसान के आकलन के आधार पर ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि, “असमय वर्षापात और जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार संकल्पित है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति हमारी जिम्मेदारी है। जिसके लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। फसल को हुए नुकसान के आकलन के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सर्वे का कार्य पूरा होते ही राहत वितरण का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा।”

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