पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने सूबे को 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन करने का आदेश जारी कर दिया है। अगर किसी ने गैर जरूरी काम से यहाँ-वहाँ जाने की कोशिश की या फिर कहीं भी भीड़ इकट्ठी की तो उसे छह महीने की जेल या एक हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। प्रशासन जनता से लॉकडाउन के निर्देशों का पालन करवाने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है।
ऐसे में लॉकडाउन की अनदेखी करने वालों की अब खैर नहीं है। सरकार ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम और एसएसपी-एसपी को लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस आइपीसी की धारा 188, 299 269, 270, 271 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। लॉकडाउन के दायरे से सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही अलग रखा गया है। इस दौरान अन्य गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी।
बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक इस वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। लॉकडाउन के बाद सरकार ने जनता को राहत देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के डॉक्टरों और अन्य चिकित्साकर्मियों को अलग से एक माह का मूल वेतन प्रोत्साहन राशि के तौर पर देने का ऐलान किया है।
इसके अलावा राज्य के सभी राशन कार्ड धारी परिवारों को मुफ्त में एक महीने का राशन देने की घोषणा की गई है। जबकि वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन के तहत सभी लाभूकों को तत्काल तीन महीने की पेंशन एडवांस में दी जाएगी। ये राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली जाएगी। नगर निकाय और प्रखंड मुख्यालय की पंचायत में सभी राशन कार्ड धारी परिवारों को एक हजार रुपये प्रति परिवार दिया जाएगा। यह राशि उनके खाते में भेजी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं के लिए भी स्कॉलरशिप की घोषणा की है। उन्होने कहा है कि कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों को 31 मार्च तक छात्रवृति दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनता से अनुरोध करते हुए कहा है कि, “लॉकडाउन के दौरान आप सब सरकार की सलाह का अनुपालन करें और घरों में ही रहें।”
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