पटना: बागवानी से जुड़े बिहार के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। जी हाँ, बिहार सरकार एक ऐसी योजना का विस्तार कर रही है, जिससे बागवानी से जुड़े किसानों को काफी फायदा होने वाला है। यह योजना है – ड्राई हॉर्टिकल्चर स्कीम या शुष्क बागवानी योजना। इसके तहत् बागवानी करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी।
बिहार सरकार पारंपरिक फसलों की खेती के बजाय अधिक आय देने वाली खेती को प्रोत्साहित करने के लिए काफी प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह योजना शुरू की है। इसके तहत् लगभग 875 हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार की ओर से इस योजना के लिए फंड भी जारी कर दिया है।
बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने सरकार की बागवानी योजना के बारे में कहा कि, “राज्य सरकार ने सात निश्चय-2 के तहत् सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना हेतु 3 वर्ष के लिए करीब 3 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। यह योजना पहले से चल रही है। अब इसका आगामी 3 वर्ष के लिए विस्तार किया गया है। पहले चरण में योजना के तहत् 566 हेक्टेयर को कवर किया गया था। इस वर्ष इस योजना के अंतर्गत्त 875 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत्त किसान फलदार पौध हेतु अधिकत्तम 4 हेक्टेयर और न्यूनत्तम 0.1 हेक्टेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि, “किसान अपने खेत की मेड़ पर खेती कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जिन्होंने अनिवार्य रूप से ड्रिप सिंचाई स्थापित किया हो अथवा जिनके द्वारा ड्रिप सिंचाई स्थापित करने का कार्य कराया जा रहा हो। इस योजना के अंतर्गत्त कम पानी में होने वाले शुष्क फलों हेतु 60 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तीन वार्षिक किस्तों में लागत और रोपण सामग्री के मद में होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए दिया जाएगा। इसके लिए अधिकतम् राशि 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अथवा लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। फल पौधों के बीच के खाली अंतरात के लिए इच्छानुसार 7500 सब्जी पौधा प्रति हेक्टेयर एकीकृत उद्यान विकास योजना से किसानों की मांग अनुरूप उपलब्ध कराया जाएगा। शुष्क बागवानी के फल पौधों के बढ़ने के पूर्व किसान सब्जी पौधों से आमदनी प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं। शुष्क बागवानी के सभी क्षेत्रों पर अनिवार्य रूप से ड्रिप सिंचाई लगाने का कार्य किया जाएगा। जिस कृषक के क्षेत्र में पहले से ही ड्रिप सिंचाई का कार्य किया गया है, वैसे कृषकों के लिए पुनः ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था करवाना अनिवार्य नहीं है। ऐसे किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत् सब्सिडी दी जाएगी। किसानों के आवश्यकतानुसार सामुदायिक नलकूप का भी स्थापना की जाएगी। इसके लिए राज्य की ओर से संचालित सामुदायिक नलकूप योजना अंतर्गत्त 100 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। सामुदायिक नलकूप योजना का लाभ समूह में योजना लेने वाले किसानों को ही दिया जाएगा।”
कृषि मंत्री के मुताबिक राज्य के सभी 38 जिलों में शुष्क बागवानी योजना के संचालन के लिए 2400 कृषकों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरफ से ट्रेनिंग भी दी जाएगी। आवेदन के जांच के बाद सभी शर्तों को पूरा करने वाले किसानों को आंवला, बेर, जामुन, कटहल, बेल, अनार, नींबू और मीठा नींबू आदि के पौध उपलब्ध कराए जाएंगे।