रेडियो पिटारा, पटना: सहजन या मोरिंगा न केवल कई प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होता है बल्कि व्यावसायिक दृष्टि से भी यह एक अच्छी आमदनी का स्त्रोत है। इसके औषधीय महत्व से जैसे-जैसे लोग परिचित हो रहे हैं, वैसे-वैसे इसकी मांग भी बढ़ रही है। और यह मांग गाँवों से आगे न केवल शहरों तक बल्कि विदेशों तक में बढ़ रही है। इसलिए सहजन की खेती आज-कल किसानों को अच्छा-खासा मुनाफा दे रही है।
सहजन के तमाम फ़ायदों को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में इसकी खेती को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। बिहार के उन किसानों के लिए यह वाकई में एक अच्छी ख़बर है, जो सहजन की खेती करना चाहते हैं। राज्य सरकार ऐसे किसानों को 50 फीसदी का अनुदान देगी। सरकार का मानना है कि इससे एक ओर, बाज़ारों में पूरे साल इस सब्जी की उपलब्धता तो बढ़ेगी ही वहीं दूसरी ओर, किसानों की आर्थिक स्थिति में मजबूती भी आएगी।
बुधवार को इस फैसले के बारे में मीडिया को अवगत करते हुए राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि, “दक्षिण बिहार के 17 जिलों में सहजन की खेती कराई जाएगी। इसके लिए किसानों को सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देगी।” उन्होंने आगे कहा कि, “सहजन की खेती पर प्रति हेक्टेयर लागत 74 हजार रुपये की आती है, जिसमें 37.5 हजार रुपये किसानों को अनुदान मिलेगा। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 दो वर्षो में सहजन की खेती के लिए 353.58 लाख रुपये की योजना स्वीकृत की गई है।”
कृषि मंत्री से मिली जानकारी के अनुसार सहजन की खेती पर जिन जिलों में अनुदान की व्यवस्था की गयी है उनमें गया, औरंगाबाद, नालंदा, पटना, रोहतास, कैमूर, भागलपुर, नवादा, भोजपुर, जमुई, बांका, मुंगेर, लखीसराय, बक्सर, जहानाबाद, अरवल और शेखपुरा शामिल हैं। किसानों को अनुदान की राशि दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त में किसानों को 27,780 रुपये और दूसरी किस्त में 9,250 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान किया जाएगा।