पटना

बिहार में जल्द शुरू होंगी रोजगारपरक योजनाएँ

पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को आगामी 3 मई तक आगे बढ़ा दिया है। हालाँकि इसकी घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का आकलन कर कुछ क्षेत्रों को लॉकडाउन से राहत देने की भी बात कही थी। इसके लिए सरकार की ओर से 15 पेज की एक गाइड लाइन जारी की गई है।

कोरोना वायरस के संक्रमण की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्व के कई देशों की सरकारों ने लोगों के बेवजह घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है। उनका मानना है – ‘जान है तो जहान है।’ ऐसी परिस्थिति में इस समय पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था लगातार मंदी की ओर अग्रसर हो रही है। मगर सवाल ये है कि ऐसा आखिर कब तक चलेगा? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ते हुए कुछ सरकारें ‘जान भी और जहान भी’ का मंत्र अपनाने का प्रयास कर रही हैं। भारत में लॉकडाउन से कुछ क्षेत्रों को छुट देना इसी रणनीति का हिस्सा है। जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण मंक कर चुके हैं।

केंद्र सरकार की रणनीति का अनुशरण करते हुए बिहार सरकार ने भी राज्य में रोजगार का संकट पैदा न हो, इसके लिए कुछ शर्तों के साथ अनेक क्षेत्रों में काम की शुरुआत करने का फैसला लिया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए पूरे राज्य में पैक्सों के जरिए गेहूं की सरकारी खरीद कराने का आदेश दिया गया है ताकि किसानों को उनकी पंचायत में ही उपज की सही कीमत मिल सके। यही नहीं, राज्य सरकार सात निश्चय और बाढ़ से बचाव आदि योजनाओं पर भी तत्काल काम शुरू कराने की तैयारी में है। सरकार का यह प्रयास है कि मानसून की शुरुआत के पहले बाढ़ नियंत्रण के लिए सभी जरूरी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी हुई जिन योजनाओं पर काम शुरू हुआ था, उन्हें समय रहते ही पूरा कर लिया जाए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान रोजगार सृजन पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए विभिन्न विभागों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वस्तुस्थिति की लगातार गहन समीक्षा की जा रही है। अब तक जो फैसला लिया गया है उसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में फिलहाल रोजगारपरक योजनाओं पर काम शुरू किया जाएगा। लेकिन इस दौरान लॉकडाउन की गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। इस बारे में नीतीश कुमार ने कहा है कि, “मजदूरों को ट्रेनिंग देकर विशेष कार्यों के लिए उनका उपयोग किया जा सकता है। जो भी निर्माण कार्य हो, वहाँ मजदूरों को जीविका द्वारा निर्मित मास्क मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। अभियंताओं को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि कोरोना संक्रमण की स्थिति उत्पन्न न हो।”

मुख्यमंत्री ने राज्य में मनरेगा योजना के माध्यम से एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले तालाबों का निर्माण कार्य यथाशीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया है। इस दौरान कार्य स्थल पर जरूरी सुविधाओं और कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा का विशेष रूपसे ख्याल रखना होगा। मनरेगा योजना के अलावा राज्य सरकार कुछ प्रोसेसिंग यूनिट्स, सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ ऑनलाइन योजनाओं, जूट उद्योग, माइनिंग उद्योग और ऑयल गैस रिफाइनरी को भी चालू करने पर विचार कर रही है।

Related posts

Leave a Comment