पटना: बिहार सरकार अपने गृहराज्य वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था करने में जुट गयी है। इन मजदूरों को उनके कौशल के अनुसार काम दिया जाएगा। मजदूरों के राज्य में लौटते ही सबसे पहले उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन में रखा जाएगा। फिर उनकी क्षमता का सही उपयोग करते हुए विभिन्न कामों में लगाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों के कौशल सर्वे का आदेश दिया है। उन्होने सर्वे के काम में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को सर्वे का काम ठीक से करने की हिदायत भी दी है।
अपने राज्य में वापस लौट रहे मजदूरों को उचित रोजगार दिया जा सके इसके लिए नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने संबंधित अधकारियों को यह निर्देश दिया कि बाहर से आ रहे श्रमिकों का कौशल सर्वे कराने के लिए तकनीक का सहारा लें। यह काम ऐप के माध्यम से बेहतर तरीके से हो सकता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, “राज्य की अर्थव्यवस्था में इन श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। रोजगार सृजन के कार्यों का गहन मॉनिटरिंग करना काफी ज़रूरी है ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) के कार्यों की सघन निगरानी की जरूरी है। मनरेगा में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, “बड़ी संख्या में लोग बाहर से आ रहे हैं, उनकी विधिवत स्क्रीनिंग हो तथा प्रोटोकॉल के अनुसार जाँच की कार्रवाई की जाय। जिला स्तर पर भी जाँच की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों की जाँच शीघ्रता से जिले में ही हो सके। राज्य मुख्यालय व जिला मुख्यालयों के साथ-साथ दूसरे राज्यों से सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुदृढ़ व्यवस्था रहे ताकि सही एवं सटीक सूचनाओं का त्वरित रूप से आदान-प्रदान हो सके। इससे बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों की सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।”