पटना: बिहार सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए प्रत्येक पंचायत में पंचायत कृषि कार्यालय की स्थापना की है। वर्तमान में इनकी संख्या लगभग साढ़े आठ हजार है। जिन पंचायतों में सरकारी भवन का निर्माण नहीं हो सका है, वहां किराये पर भवन लेकर पंचायत कृषि कार्यालय की स्थापना की गई है। इसके लिए मकान मालिक के साथ करार किया गया है। हालाँकि ज्यादातर कृषि कार्यालय सरकारी भवनों में चल रहे हैं, लेकिन वैसे कृषि कार्यालयों की संख्या (3352 पंचायत में कार्यलय) भी ठीक ठाक है जो निजी भवन में चल रहे हैं। इन भवनों का काफी समय से किराया बकाया है। इसे चुकाने के लिए एक बार फिर से अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। इसके लिए सरकार ने 402 करोड़ रुपए का बजट दिया है।
पंचायत कृषि कार्यालयों के संबंध में कृषि मंत्रालय ने बजट जारी करने के साथ यह निर्देश भी दिया है कि जहाँ तक हो सके इनका संचालन सरकारी भवनों में ही किया जाए। साथ किराए पर लिए गए भवन का किराया नए तरीके से निर्धारित हो। पंचायत कृषि कार्यालय के किराए के मद में एक हजार रुपए प्रतिमाह का प्रावधान किया गया है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में किराया मद में 402.24 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।
कृषि मंत्रालय ने यह आदेश दिया है कि किराए का भुगतान मकान मालिक के बैंक खाते में किया जाए। साथ ही मकान मालिक से एग्रीमेंट के बाद किराया निर्धारण कराते हुए किसी भी हाल में दो सप्ताह के भीतर किराये का भुगतान कर दिया जाए। आपको बता दें कि सरकार के इस आदेश से राज्य के लगभग तीन हजार से भी अधिक भवन मालिकों को तुरंत राहत मिल जाएगी।