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बिहार सरकार की इस योजना से जैविक उत्पादों को मिलेगी एक नई पहचान

पटना: बिहार सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इससे आने वाले समय में प्रदेश भर में जैविक खेती का दायरा बढ़ने की उम्मीद है। दरअसल, बिहार सरकार गंगा किनारे अवस्थित 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर योजना चला रही है। इसके अलावा तृतीय कृषि रोड मैप, वर्ष 2017-22 के उद्देश्यों में से एक ‘किसानों की आय में सतत् बढ़ोत्तरी’ तथा बिहार राज्य जैविक मिशन की स्थापना की गई है। इसके अंतर्गत्त अभी तक 187 किसान समूहों को जैविक प्रमाणीकरण एवं अंगीकरण (ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एंड अडॉप्शन) के अंतर्गत सी॰ 1 प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।

अभी हाल ही में बिहार से शाही लीची और जर्दालू आम का लंदन निर्यात किया गया है। यह निर्यात सरकार की उम्मीदों के अनुरूप रहा। बिहार में वैसे किसानों की संख्या काफी है, जो पिछले कई वर्षों से जैविक लीची और आम का उत्पादन कर रहे हैं। लेकिन, जैविक सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण वे अपने उत्पादों को राज्य से बाहर भेजने में असमर्थ हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अब इन किसानों के दिन बदलने वाले हैं। राज्य के जैविक उत्पादों को एक विशेष पहचान मिलने से उनकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी। इससे अधिक से अधिक संख्या में किसान जैविक उत्पादों को उगाने के लिए प्रवृत होंगे।

बहरहाल, राज्य सरकार वैश्विक बाजारों में बिहार के जैविक उत्पादों की उपलब्धता दर्ज करने के लिए उत्साहित है। अब सरकार चाहती है कि इसका प्रचार-प्रसार हो। इसके लिए कृषि विभाग के द्वारा 2 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इसमें से एक के तहत् लोगो डिजाइनिंग के लिए आवेदन मांगे गए हैं जबकि, एक अन्य के अंतर्गत्त टैगलाइन राइटिंग का आयोजन किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए देश भर के रचनात्मक व सृजनात्मक आवेदकों को आमंत्रित किया गया है। लोगो डिजाइनिंग के लिए चयनित विजेता को 51,000 रूपये तथा प्रशंसा पत्र और टैगलाइन लेखन के लिए चयनित विजेता को 21,000 रूपये तथा प्रशंसा पत्र दिया जायेगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इच्छुक आवेदक कृषि विभाग की वेबसाईट https://state.bihar.gov.in/krishi/CitizenHome.html या http://dbtagriculture.bihar.gov.in पर जा सकते हैं। कृषि विभाग के द्वारा आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 21 सितम्बर 2021 रात्रि 11:59 बजे तक निर्धारित की गई है।

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