पटना: कोरोना संकट की वजह से इस समय पूरे देश के विद्यालय बंद हैं। सूबे के विद्यालयों की भी यही स्थिति है। ऐसे में बिहार सरकार ने स्कूली बच्चों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार विद्यालयों के बंद रहने के बावजूद भी तमाम विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) का लाभ दिया जाएगा।
सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के सभी नामांकित विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन के बदले राशि और अनाज दोनों का लाभ दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने इस बारे में सभी जिलाधिकारियों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा डीपीओ एमडीएम को निर्देश दे दिया है।
मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक कुमार रामानुज ने इस संबंध में कहा है कि, “मध्याह्न भोजन योजना के तहत मई, जून एवं जुलाई महीने के लिए पहली से पांचवीं तक के प्रत्येक विद्यार्थी को 8 किलोग्राम खाद्यान तथा 358 रुपए दिये जाएंगे। जबकि कक्षा छठवीं से आठवीं तक के प्रत्येक विद्यार्थी को 12 किलोग्राम खाद्यान्न व 536 रुपए तत्काल दिये जाएंगे।”
राज्य सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के बदले खाद्यान्न व राशि देने की जो व्यवस्था की है इसके तहत खाद्यान का वितरण विद्यार्थियों के अभिभावकों को किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए खाद्यान लेने के लिए अभिभावकों को मास्क पहनकर विद्यालय आना होगा।
इसके लिए विद्यालयों में कक्षा के अनुसार तिथि का निर्धारण किया जाएगा। खाद्यान लेने के लिए अभिभावक को निर्धारित तिथि को ही विद्यालय आना होगा। रही बात राशि की तो यह विद्यालय शिक्षा समिति द्वारा विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जरिये भेजी जाएगी। जिस दिन विद्यार्थियों को अनाज मिलेगा, उसी दिन उनके खातों में राशि भेज दी जाएगी।
सरकार की इस व्यवस्था के बारे में मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने कहा है कि, “कोरोना संकट के कारण विद्यालयबंदी को लेकर 14 मार्च 2020 से 3 मई 2020 तक खाद्यान्न मद की समतुल्य राशि तथा परिवर्तन मूल्य की राशि को मिलाकर कुल 3 अरब 78 करोड़ 70 लाख 20 हजार 392 रुपए बिहार के सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के सभी नामांकित विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों के खाते में निदेशालय द्वारा ही डीबीटी से भेजी जा चुकी है।”