पालीगंज : सामाजिक संस्था आवाज एक पहल पिछले लंबे वक्त से किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रही हैं । संस्था का मुहिम सफल होता दिख रहा है । संस्था घाटे की सौदा हो चुकी परंपरागत खेती से निकालकर किसानों को इनोवेटिव खेती वैज्ञानिक विधि और उन्नत तकनीक से करने के लिए प्रेरित व मार्गदर्शित करती है। इसी कड़ी में बिहटा- विक्रम प्रखंड के अनेको किसानों ने काले गेहूं की खेती की है ।
ऐसे ही एक किसान है विक्रम प्रखंड के घनश्याम कुमार । प्रखंड स्थित हरपुरा गांव निवासी घनश्याम ने बताया की उनके खेत में लगाए गए काले गेहूं पक कर पूरी तरह से तैयार है। उनके अनुसार ईसकी खेती करने में उनको कोई परेशानी नहीं आई ।कम पानी और फर्टिलाइजर का उपयोग करते हुए भी उन्हें बेहतर फसल प्राप्त हुई है ।
उन्हें उम्मीद है कि बाजार में उन्हें बेहतर मूल्य मिलेगा। आवाज एक पहल के फाउंडर लव कुश शर्मा ने बताया कि उनकी संस्था किसानों के लिए काम करने वाली बिहार की सबसे बड़ी संस्था है। संस्था से 5000 युवा जुड़े हुए हैं जो कि अपने तकनीकी ज्ञान और कौशल के बदौलत खेती में बदलाव ला रहे हैं।
इसी कड़ी में पूरे प्रदेश में ब्लैक राइस की खेती कराई जा रही है ।बिहटा और विक्रम प्रखंड में भी कई किसानों ने काले गेहूं का खेती किया है। उन्होंने बताया कि हम लोग ना सिर्फ किसानों को बीज मुहैया कराते हैं बल्कि उन्हें उचित प्रशिक्षण देकर उनको बाजार तक मुहैया कराते हैं।
लवकुश ने बताया की काले गेहूं में एंथोसाएनिन नाम के पिगमेंट होता हैं।यह नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट है। इसी वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। जहां आम गेहूं में एंथोसाएनिन महज 5पीपीएम होता है, वही काले गेहूं में यह 100 से 200 पीपीएम के आसपास होता है।
एंथोसाएनिन के अलावा काले गेहूं में जिंक और आयरन की मात्रा में भी अंतर होता है। काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में 60 फीसदी आयरन ज्यादा होता है। हालांकि, प्रोटीन, स्टार्च और दूसरे पोषक तत्व समान मात्रा में होते हैं।
वही मुल्य की बात करे तो आम गेहूं जहाँ मंडियों 2000 रूपये प्रति क्विंटल के आसपास बिकता है वहीँ काला गेहूं की कीमत 4000 रूपये से लेकर 5000 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक है यानी बेशक यह फ़ायदे का सौदा हैं।