कृषि पिटारा

देशभर में गेहूं की बंपर पैदावार से मंडियों में रौनक, कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत

नई दिल्ली: देशभर में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हुई है, जिसका सीधा असर प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में देखने को मिल रहा है। मंडियों में गेहूं की भारी आवक हो रही है और आने वाले सप्ताह में इसमें और अधिक बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिकॉर्ड पैदावार और मंडियों में तेज़ आवक के चलते गेहूं की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।

केंद्र सरकार ने चालू विपणन सत्र के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,425 प्रति क्विंटल तय किया है। वहीं मंडियों में मिलिंग क्वालिटी की नई फसल की आवक बढ़ने के साथ-साथ कीमतें अब लगभग MSP के आसपास यानी ₹2,450 से ₹2,600 प्रति क्विंटल पर पहुंच गई हैं। उल्लेखनीय है कि मार्च महीने में यही कीमतें ₹3,200 से ₹3,400 प्रति क्विंटल के बीच थीं।

किसानों को नुकसान नहीं, उपभोक्ताओं को राहत

बंपर पैदावार के बावजूद किसानों को नुकसान नहीं हो रहा है क्योंकि उन्हें केंद्र सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ-साथ कुछ राज्यों में अतिरिक्त बोनस का लाभ भी मिल रहा है। दूसरी ओर, उपभोक्ताओं के लिए यह गिरावट एक बड़ी राहत के रूप में सामने आई है, क्योंकि हाल के वर्षों में लगातार महंगे हुए गेहूं और आटे की कीमतों ने आमजन की जेब पर असर डाला था। हालांकि, बाजार में अभी तक आटे की कीमतों में बहुत अधिक गिरावट नहीं देखी गई है।

कीमतें रहेंगी स्थिर, बढ़ोतरी की संभावना नहीं

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं व्यापार से जुड़े जानकारों का मानना है कि आगामी कुछ हफ्तों में जैसे-जैसे आवक और तेज होगी, वैसे-वैसे कीमतें एमएसपी के आसपास ही बनी रहेंगी। बाजार में किसी बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं की जा रही है। यह रुझान उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर तो है ही, साथ ही यह संकेत भी है कि सरकार की खरीद नीति से किसानों को पर्याप्त समर्थन मिल रहा है।

सरकारी खरीद में तेजी, लाखों किसानों को भुगतान

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 अप्रैल 2025 तक देशभर के विभिन्न राज्यों में 29,32,887 किसानों ने MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें से 5,25,755 किसानों से 48,02,174.50 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। सरकार ने अब तक 2,63,138 किसानों को कुल ₹5,29,420.24 लाख का भुगतान उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया है, जबकि शेष किसानों का भुगतान प्रक्रिया में है।

एमपी और राजस्थान में बोनस से बढ़ी खरीद

इस बार मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकारी खरीद में अभूतपूर्व तेजी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण दोनों राज्यों द्वारा किसानों को दिए जा रहे बोनस को माना जा रहा है। मध्य प्रदेश में ₹175 प्रति क्विंटल और राजस्थान में ₹150 प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है। इसके साथ एमपी में किसानों को ₹2,600 प्रति क्विंटल और राजस्थान में ₹2,575 प्रति क्विंटल का भुगतान हो रहा है।

इस प्रोत्साहन ने न केवल सरकारी खरीद को बढ़ावा दिया है, बल्कि किसानों को भी सीधे लाभ पहुंचाया है। यही कारण है कि दोनों राज्यों की मंडियों में बंपर आवक हो रही है और किसान बड़ी संख्या में अपनी उपज को सरकारी केंद्रों पर बेचने के लिए पहुंच रहे हैं।

सरकारी केंद्रों पर छुट्टी में भी खरीद का निर्णय

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक सराहनीय कदम उठाया है। राज्य सरकार ने 18 और 19 अप्रैल को, जो कि सरकारी अवकाश के दिन हैं, गेहूं खरीद केंद्रों को खुला रखने और खरीद जारी रखने का निर्णय लिया है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि अधिक से अधिक किसान अपनी उपज समय पर बेच सकें।

इस वर्ष की रिकॉर्ड गेहूं पैदावार, मंडियों में तेज आवक और राज्य सरकारों की सक्रिय नीतियों के चलते न सिर्फ किसानों को लाभ हो रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी कीमतों में गिरावट से राहत मिल रही है। आने वाले दिनों में यदि यह स्थिति बनी रही, तो यह कृषि और उपभोक्ता दोनों वर्गों के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।

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