कृषि पिटारा

बटरफ्लाई पार्क- तितलियों का संरक्षण एवं प्रजनन

बचपन में हम में से हर एक व्यक्ति ने कभी ना कभी तितली का पीछा किया होगा उसे पकड़ा होगा या पकड़ने की कोशिश की होगी और ऐसा किसी ने नहीं किया तो उसने अपने बचपन को पूर्ण रूप से नहीं जीया l जैसा कि हम सब जानते हैं की तितलियां बेहद सुंदर होती हैं और उनको देखकर हर किसी का मन उसे पकड़ने का करता है उसे छूने का करता है l बचपन में भी हमने बहुत सारी कविताएं तितली पर पढ़ी होगी l आज इस तितली की कुछ प्रजातियां का जीवन संकट में है ऐसे में जरूरत है उन्हें संरक्षित करने की उनकी जनसंख्या को बढ़ाने की इसलिए देश विदेश में तितलियों के लिए बटरफ्लाई पार्क एवं बटरफ्लाई अभ्यारण बनाए जा रहे हैंl

भारत अपनी समृद्ध जैव विविधता और जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र के लिए विश्व प्रसिद्ध है, यहाँ असंख्य आकर्षक तितली पार्क भी हैं जो आगंतुकों को इन रंग बिरंगे नाजुक एवं सुंदर जीवों के बारे में जानने के लिए बेहद उत्सुक करते हैं। पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक, ये अभयारण्य तितलियों के लिए एक उत्कृष्ट आश्रय स्थल प्रदान करते हैं और प्राकृतिक दुनिया से जुड़ने की चाह रखने वाले प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के रूप में काम करते हैं। यहाँ भारत के सर्वश्रेष्ठ तितली पार्कों के संदर्भ में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की गई है, जहाँ आप भ्रमणकर इन रंग बिरंगी तितलियों की विभिन्न प्रजातियां के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।


आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ तितलियां हजारों किलोमीटर का सफर तय करती है अपने जीवन काल में l
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर तितलियां लगभग एक महीने तक जीवित रहती है, परंतु छोटी तितलियाँ का जीवनकाल एक सप्ताह तक का ही होता हैं! मोनार्क तितली अन्य तितलियों की तुलना में बहुत अधिक समय तक जीवित रहती है या फिर यूं कहें कि मोनार्क तितलियां लगभग नौ महीने तक जीवित रहती है।


तितलियों के पैरों में स्वाद संवेदक होते हैं। यह विशेष अनुकूलन उन्हें एक पत्ती पर उतरने और यह जानने में मदद करता है कि उनके कैटरपिलर इसे खाएंगे या नहीं। तितलियाँ एक नली जैसी जीभ का उपयोग करके अमृत पीती हैं जिसे सूंड कहा जाता है। तितली की कुछ प्रजातियां पराग नहीं खातीं, बल्कि वे अपना पोषण अन्य कार्बनिक पदार्थों, जैसे वृक्षों के रस, सड़े हुए फल या जानवरों से प्राप्त करती हैं।

पिछले कुछ दशकों में बटरफ्लाई पार्क एवं बटरफ्लाई अभ्यारण स्थापित करने का चलन बड़ा है l ऐसे ही कुछ पार्कों और अभ्यारण के बारे में हम चर्चा करेंगे l


1) बेंगलुरु में बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान की हरी-भरी हरियाली के बीच बना बन्नेरघट्टा बटरफ्लाई पार्क तितली प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कुछ कम नहीं है। विशाल क्षेत्र में फैले इस पार्क में रंग-बिरंगे फूलों और पत्तियों के बीच तितलियाँ की विभिन्न प्रजातियों को उड़ते हुए देखा जा सकता है । आगंतुक घुमावदार रास्तों पर टहलने के साथ-साथ तितलियां को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं और पार्क की जानकारीपूर्ण प्रदर्शनियों में उनके जीवन चक्र के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और अपना ज्ञानवरदान कर सकते हैं।

2) सिक्किम बटरफ्लाई पार्क- यह पार्क अपनी अनुपम भौगोलिक स्थिति के कारण राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। भारत के पूर्वी क्षेत्रों में वनस्पति और जलवायु में उल्लेखनीय जैविक विविधता को देखते हुए, सिक्किम तितलियों के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसित केंद्र के रूप में उभरता हुआ नजर आता है। लगभग 29 हेक्टेयर भूमि में फैले इस पार्क की स्थापना 2011 में इसकी सीमाओं के भीतर पनप रही तितलियों की जीवंत दुनिया का संरक्षण एवं प्रजनन के लिए की गई थी।

3) गोवा में बटरफ्लाई कंजर्वेटरी एक व्यापक रूप से पसंदीदा जगह है, जो अपने आकर्षण से आगंतुकों को आकर्षित करती है। तितलियों के प्रजनन के लिए देशी पौधों, प्रदूषण रहित हवा और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर उपजाऊ मिट्टी की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। गोवा में जलवायु परिस्थितियाँ तितलियों के पनपने के लिए अनुकूल साबित होती हैं। हालाँकि, गोवा आने वाले सैलानियों को इन सुंदर तितलियां को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर केवल सितंबर और दिसंबर के बीच ही मिलता है।

4)शिमला की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच स्थित बटरफ्लाई पार्क प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शांत नखलिस्तान है, जो शहरी जीवन की भागदौड़ से राहत पाना चाहते हैं। 3 एकड़ में फैला यह पार्क हिमालय क्षेत्र में पाई जाने वाली तितली प्रजातियों की एक विविध श्रेणी का घर है। आगंतुक प्रकृति की पगडंडियों पर टहल सकते हैं, विदेशी फूलों की प्रशंसा कर सकते हैं और लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता के बीच शानदार तस्वीरें खींच सकते हैं।

5) तितली पार्क, भोपाल- मध्य प्रदेश के भोपाल में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के सुरम्य परिवेश में स्थित, बटरफ्लाई पार्क प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शांत आश्रय स्थल है। विशाल क्षेत्र में फैला यह पार्क हरी-भरी हरियाली और रंग-बिरंगे फूलों के बीच तितलियों की विभिन्न प्रजातियों का प्राकृतिक आश्रय स्थल है। सैलानी तितलियों पर आयोजित शैक्षिक कार्यशालाओं में भाग ले सकते हैं और तितली संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं।

6) असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य, तितली पार्क दिल्ली- दिल्ली में असोला भट्टी वन्यजीव अभ्यारण्य के भीतर स्थित, इस तितली पार्क का प्रबंधन संरक्षण शिक्षा केंद्र (सीईसी) द्वारा किया जा रहा है और यह तुगलकाबाद किले के नजदीक है। लगभग 250 वृक्ष प्रजातियों, 10 पशु प्रजातियों, 200 पक्षी प्रजातियों, 10 सरीसृप प्रजातियों और 8 उभयचर प्रजातियों के अलावा, यह पार्क 90 से अधिक तितली प्रजातियों इस अभयारण्य पाई जाती है।

7) बटरफ्लाई पार्क चंडीगढ़ – अपने छोटे आकार के बावजूद, चंडीगढ़ में तितली पार्क अपने अनुकूल जलवायु के कारण फलता-फूलता है। इसमें हरी-भरी घास, घुमावदार नहर और पर्याप्त पेड़ शामिल हैं। पार्क तितलियों के अनुकूल फूलों की क्यारियों से सजा हुआ है और इसमें आकर्षक फ़्लायर्स और सूचनात्मक चार्ट डिस्प्ले से सजा हुआ एक अच्छी तरह से निर्मित शेड है।

उल्लेखनीय है कि डॉ मानसून ज्योति गोगोई के शोध के माध्यम से, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 446 तितली प्रजातियों की खोज की गई है, जिनमें से 18 भारत में नई हैं। यह विविधता काजीरंगा को अपनी ‘बिग फाइव’ प्रजातियों के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण संरक्षण स्थल बनाती है।

जैसे-जैसे लोगों के अंदर तितलियों की प्रजातियां को संरक्षित एवं उनकी जनसंख्या बढ़ाने के प्रति जागरूकता आई है उसके फल स्वरुप छोटे बड़े शहरों में भी बटरफ्लाई पार्क बनाए जाने लगे हैं l इनमें खास तौर से ऐसे वृक्षों एवं पौधों की प्रजातियां लगाई जाती है जिनमें हमेशा किसी न किसी प्रजाति के पौधों पर फूल 12 महीने आते रहते हैं l करौंदा एवं नींबू वर्गीय पौधे तितलियों के अंडे देने एवं लार्वी को भोजन प्रदान करने में सहायक सिद्ध होते हैं l वही तितली पार्क में कृत्रिम तितलियो के ढांचे बनाकर उन में रंग-बिरंगे फूल और वनस्पति लगाई जाती हैं जो की सैलानियों को अपनी और आकर्षित करती हैं तितली पार्कों में प्रयोगशाला कक्ष भी कुछ स्थानों पर बनाए जाते हैं ताकि प्राणी विज्ञान एवं वानस्पतिक विज्ञान के विद्यार्थी एवं विशेषज्ञ इन सुंदर एवं आकर्षक तितली ऊपर शोध कार्य कर सकें l

राजस्थान राज्य में जयपुर में द्रव्यवती नदी के किनारे बोटैनिकल पार्क में भी बटरफ्लाई थीम पर बटरफ्लाई पार्क बनाया गया है जो कि लोगों को अपनी और आकर्षित करता है l सरकार गैर सरकारी संस्थाएं एवं आम आदमी को तितलियों की विलुप्त होती जातियां के संरक्षण के लिए आगे आना होगा और प्रकृति की इस रंग बिरंगी प्रजाति की जनसंख्या बढ़ाने में मदद करनी होगी अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब हमारे बच्चे हमारे आने वाली पीढ़ी खाली किताबो एवं चलचित्र में ही तितलियों को देख पाएगी l

सुनीता सैनी (पर्यावरण विद कृषि पत्रकार एवं महिला सशक्तिकरण)
सीकर राजस्थान

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