नई दिल्ली: गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में गन्ने की एफआरपी (फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस) को 5 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी मिल गई है। इसके पहले बीते सीजन में केंद्र सरकार ने एफआरपी को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 285 रुपये कर दिया था। सरकार के इस फैसले के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, “एफआरपी 5 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 290 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। पिछले साल इसमें 10 रु प्रति क्विटंल की बढ़ोतरी की गई थी।”
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि, “आज के फैसले के बाद भारत एक मात्र देश होगा जहाँ शुगर प्राइस का लगभग 90-91 प्रतिशत गन्ना किसानों को मिलेगा। जबकि विश्व के देशों में शुगर प्राइस का केवल 70 से 75 प्रतिशत गन्ना किसानों को मिलता है। शुगर ईयर 2020-21 में गन्ना किसानों को 91,000 करोड़ का भुगतान करना था, जिसमें से 86,000 करोड़ का भुगतान हो चुका है। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण गन्ना किसानों को अपने भुगतान के लिए इंतजार नही करना पड़ता है।”
आपको बता दें कि एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिसपर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। इसकी सिफारिश हर वर्ष कमीशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज (सीएसीपी) के द्वारा की जाती है। सीएसीपी गन्ना सहित प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमतों के बारे में सरकार को अपनी सिफारिश भेजती है। उस पर विचार करने के बाद सरकार उसे लागू करती है।