नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने घरेलू दालों के स्टॉक को बढ़ाने के लिए मसूर, चना समेत कई दालों के आयात को शुल्क मुक्त कर रखा है। हालांकि, अब सरकार मसूर पर शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, अंतर-मंत्रालयी पैनल से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अगले हफ्ते नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
नई फसल से गिर सकती हैं मसूर की कीमतें
सरकार की योजना मसूर के आयात पर शुल्क लगाकर कीमतों को संतुलित रखना है, ताकि किसानों को उचित दाम मिले। 31 मार्च तक मसूर और चना के लिए शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई है और नई फसल की आवक से मसूर के दाम गिरने की आशंका है।
बिहार चुनाव का प्रभाव
बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, जहां मसूर के प्रमुख उत्पादक किसान हैं, सरकार समय से पहले शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भी मसूर की कीमतों में गिरावट को लेकर चिंता व्यक्त की है, जिससे किसानों में नाराजगी हो सकती है।
मसूर का MSP 6,700 रुपये प्रति क्विंटल
2024-25 के लिए मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 6,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। आयातित मसूर घरेलू कीमतों से सस्ता बिक रहा है, जिससे सरकार को चिंता है कि शुल्क मुक्त आयात जारी रहने से मसूर की कीमतों में गिरावट हो सकती है।
आयात शुल्क में बदलाव
2021 से पहले, केंद्र ने मसूर पर 30% शुल्क लगाया था, जिसे बाद में घटाकर 10% किया गया और अन्य देशों से आयात को शुल्क मुक्त कर दिया गया। 2023 में, अमेरिका से दाल के आयात पर भी शुल्क हटा दिया गया था।