कृषि पिटारा

चिया सीड की खूबियाँ जानकर आप हो जाएंगे हैरान, जानिए इसकी खेती क्यों है फायदे का सौदा?

नई दिल्ली: अगर आप अपनी खेती को मुनाफे की खेती बानना चाहते हैं तो आपको पारंपरिक फसलों की खेती से हटकर व्यावसायिक लाभ देने वाली फसलों की खेती में हाथ आजमाना होगा। चिया सीड एक ऐसी ही फसल जो आपको पारंपरिक फसलों के मुकाबले कई गुना अधिक मुनाफा दिला सकती है। इसे एक सुपर फूड भी माना जाता है। यह एक फूल वाला पौधा है। बीते कुछ सालों से चिया सिड्स की भारत में खेती होने लगी है। फिलहाल मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान में काफी किसान इसकी खेती कर रहे हैं। धीरे-धीरे इसका विस्तार अन्य राज्यों में भी हो रहा है। कम लागत में अधिक मुनाफा देने के कारण चिया सीड्स की खेती किसानों के बीच काफी प्रसिद्धि हासिल कर रही है।

किसान मित्रों, चिया सीड की खेती पूरी तरह से जैविक और आसान है। इसकी दो तरह से बुआई की जाती है। पहली है – छिड़काव विधि। इस विधि से बुआई करने पर एक एकड़ जमीन में करीब एक से डेढ़ किलो बीज लगता है। चिया सीड की खेती की दूसरी विधि धान की खेती जैसी है। यानी पहले आप नर्सरी में बीज तैयार कर लीजिए और फिर खेत में इसकी रोपाई कीजिये। इस विधि से रोपाई करने पर एक एकड़ खेत में आधा किलो बीज से काम चल जाता है। छिड़काव विधि में मेहतनत कम करनी पड़ती है लेकिन बीज ज्यादा लगता है जबकि दूसरी विधि में इसके उलट होता है।

चिया सीड फसल की खेती के लिए मध्यम तापमान की जरूरत होती है। ठंड वाले पहाड़ी इलाकों को छोड़ दें तो पूरे भारत में इसकी खेती की जा सकती है। दोमट और भूरभूरी मिट्टी में इसका अच्छा उत्पादन होता है। चिया सीड की अच्छी पैदावार पाने के लिए खेत को अच्छे से तैयार करना काफी जरूरी है। पहले दो-तीन बार जुताई कराकर मिट्टी को भूरभूरा बना दिया जाता है। इसके बाद पाटा चलाकर खेत को समतल कर देते हैं। अच्छे अंकुरण के लिए बुआई से पूर्व खेत में उचित नमी होनी आवश्यक है। चिया सीड की बुआई का सही समय अक्टूबर और नवंबर का महीना होता है। अच्छी पैदावार के लिए खेत की समय-समय पर निराई जरूरी है। इसलिए पूरे फसल के दौरान कम से कम दो बार निराई जरूर करें।

चिया सीड की फसल समान्यतः 110 से 115 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी खेती के लिए सिंचाई की कोई खास जरूरत नहीं होती है। इसकी पौध काफी कमजोर होती है। इसलिए जलजमाव की स्थिति में उसके टूटने का डर बना रहता है। ऐसे में अच्छी जल निकासी वाली जमीन को इसकी खेती के लिए बेहतर माना जाता है। चिया सीड के पौधे से एक खास प्रकार की गंध आती है और उसके पत्तों पर बाल जैसे उगे रहते हैं। इस कारण पशु इससे दूर रहते हैं और नुकसान नहीं पहुंचाते। इसके अलावा, गर्म क्षेत्र का पौधा होने के कारण इसमें बीमारियां भी नहीं लगती हैं। चिया सीड के ये गुण किसानों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।

जब चिया सीड की फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है तब फसल को पूरे पौधों से उखाड़ लिया जाता है। इसके बाद इसे सूखाया जाता है और फिर थ्रेसिंग के जरिए बीज को अलग कर लिया जाता है। जहां तक चिया सीड की खेती से आमदनी का सवाल है तो प्रति एकड़ औसतन 5 से 6 प्रति क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। चिया सीड के बीज की कीमत फिलहाल 1000 रुपए के आसपास है। ऐसे में प्रति एकड़ आप आराम से 6 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

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