लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सहकारी बैंकों की 61वीं वार्षिक बैठक में कई अहम घोषणाएं की हैं, जिनसे प्रदेश के किसानों, युवा उद्यमियों और एमएसएमई को वित्तीय सहायता में बड़ा फायदा होगा। मुख्यमंत्री ने बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समितियों की क्रेडिट लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करने की घोषणा की, जिससे किसानों को ज्यादा वित्तीय सहायता मिल सकेगी। इसके साथ ही, उन्होंने बलरामपुर जिले में सहकारी बैंकिंग को शुरू करने की भी उद्घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ये बातें लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित बैठक में कही। उन्होंने सहकारिता को प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव बताते हुए, इसके माध्यम से किसानों, युवाओं और छोटे उद्यमियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
किसानों और उद्यमियों को मिलेगा बड़ा लाभ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहकारी बैंक किसानों, युवा उद्यमियों और एमएसएमई के लिए आर्थिक तरक्की की रीढ़ साबित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों की वित्तीय मदद को बढ़ाने के लिए क्रेडिट लिमिट में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। इससे किसान अब अधिक राशि उधार ले सकेंगे, जो उनकी कृषि गतिविधियों के लिए सहायक होगी। साथ ही, मुख्यमंत्री ने युवा उद्यमियों को सहकारी बैंकों से जोड़ने की अपील की। उन्होंने बताया कि सीएम युवा उद्यमी योजना के तहत अब तक 32 हजार से अधिक युवाओं को जोड़ा गया है, और सहकारी बैंकों को इन लाभार्थियों को समर्थन देकर उनकी आर्थिक प्रगति में योगदान देना चाहिए।
सहकारी बैंकों की प्रगति पर संतोष
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सहकारी बैंकों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंकों का सीडी रेशियो 44 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 61 प्रतिशत हो गया है। इसके साथ ही, इन बैंकों का शुद्ध लाभ 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो सरकार की पारदर्शी नीतियों और बेहतर प्रबंधन का परिणाम है। यह आंकड़े इस बात का प्रतीक हैं कि सहकारी बैंकों ने विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
फर्टिलाइजर की ब्लैक मार्केटिंग पर कड़ी कार्रवाई
सीएम योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि सहकारिता पहले व्यक्तिगत स्वार्थ का अड्डा बन गई थी, जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि 16 सहकारी बैंकों के लाइसेंस जब्त कर लिए गए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता को नया जीवन दिया और इसके लिए अलग मंत्रालय की स्थापना की।
अब सरकार फर्टिलाइजर की ब्लैक मार्केटिंग पर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बी पैक्स और सहकारिता के माध्यम से उर्वरकों की आपूर्ति को नियमित किया जाएगा, जिससे किसानों को उचित दामों पर उर्वरक मिलेगा और ब्लैक मार्केटिंग पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी।
सहकारिता से अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों का विस्तार और सुदृढ़ीकरण प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, “छोटी इकाइयां किसी भी अर्थव्यवस्था की नींव होती हैं, और सहकारिता इन्हें मजबूत करने का सबसे प्रभावी तरीका है।” मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंकों से अपील की कि वे नई तकनीकों को अपनाकर अधिक पारदर्शिता लाएं। उन्होंने कहा, “जितनी अधिक पारदर्शिता होगी, उतना ही बेहतर काम होगा।”
सहकारिता के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच
योगी आदित्यनाथ ने सहकारी बैंकों से अपील की कि वे किसान, युवक, महिला और समाज के अंतिम व्यक्ति तक अपनी पहुंच बढ़ाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सहकारिता के माध्यम से प्रदेश के आर्थिक विकास को और गति दी जाएगी, और इसके साथ ही प्रदेश में सशक्त सामाजिक और आर्थिक ढांचा बनेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार सहकारिता के माध्यम से किसानों और युवाओं के लिए एक मजबूत वित्तीय तंत्र बनाने की दिशा में काम कर रही है। सहकारी बैंकों की क्रेडिट लिमिट में बढ़ोतरी और फर्टिलाइजर की आपूर्ति को नियमित करने जैसे कदम, प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में सुधार लाने के लिए अहम साबित होंगे। इस पहल से न केवल किसानों और उद्यमियों को मदद मिलेगी, बल्कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।