नई दिल्ली: पोल्ट्री फार्मिंग के लिए साफ और स्वच्छ पानी सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, जिसका सीधा असर मुर्गियों के स्वास्थ्य और उत्पादन पर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, पोल्ट्री फार्म स्थापित करने से पहले सबसे पहला कदम जमीन के ग्राउंड वाटर की जांच कराना होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां के पानी की गुणवत्ता पीने योग्य हो। यदि पानी दूषित होगा, तो मुर्गियों में बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे न केवल उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ेगा, बल्कि आर्थिक नुकसान भी होगा।
पानी की क्वालिटी पर खास ध्यान
पानी में मौजूद जीवाणु और रासायनिक तत्व मुर्गियों की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। पोल्ट्री विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि पीने के पानी की गुणवत्ता की जांच कराना अनिवार्य है, खासकर उन स्रोतों से पानी इस्तेमाल करने पर, जो तालाब, नदियों या पब्लिक सप्लाई सिस्टम से आते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के मौसम और बाढ़ के समय दूषित पानी का खतरा ज्यादा होता है, जिससे बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है।
मानक और उपाय
मुर्गियों के लिए पीने के पानी में निम्नलिखित तत्वों की जांच करना जरूरी है:
- कुल कठोरता: 60-180 mg/L
- pH: 6.8-7.5
- नाइट्रेट: 10 mg/L तक
- नाइट्राइट: 0.4 mg/L तक
- कुल जीवाणु गणना: 00
- कोलीफॉर्म गणना: 00
पानी को साफ रखने के लिए क्लोरीनीकरण सबसे कारगर तरीका माना जाता है। इसके लिए 1000 लीटर पानी में 5-8 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर उपयोग करना चाहिए। क्लोरीन की मात्रा 35% होनी चाहिए, जिससे पीने का पानी मुर्गियों के लिए सुरक्षित हो सके।
साफ पानी से बढ़ेगा उत्पादन
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों को स्वच्छ पानी पिलाया जाता है, तो बीमारियों से बचाव होगा और दवाईयों पर होने वाला खर्च भी कम हो जाएगा। इसके साथ ही, वॉटर सिस्टम और पाइपलाइन की लाइफ भी बढ़ जाएगी, जिससे फार्म का संपूर्ण उत्पादन भी बेहतर होगा।