कृषि पिटारा

जलवायु परिवर्तन किसानों के लिए बन रहा है चुनौती, नवीन तकनीक अपना कर करें सामना

नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में सबसे ज्वलंत पर्यावरणीय समस्याओं में से एक बन चुका है, जिसका सीधा प्रभाव मानव जीवन से लेकर कृषि और पशुपालन जैसे क्षेत्रों पर हो रहा है। बदलते मौसम के कारण कृषि वैज्ञानिक किसानों को खेती के तौर-तरीकों में परिवर्तन करने की सलाह दे रहे हैं, ताकि उन्हें अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकें।

कृषि वैज्ञानिक मौसम के बदलते मिजाज के चलते आने वाले खतरों के बारे में किसानों को चेतावनी दे रहे हैं, उनके अनुसार इस साल का मौसम रबी सीजन में गेहूं की फसल के लिए खतरे की घंटी है। इस साल पिछले साल की तुलना में ठंडी के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो रही है और इसका गेहूं पर सीधा असर हो सकता है। तापमान में इस प्रकार के बदलाव के कारण किसानों को मौसम अनुकूल बीजों का चयन करने की सलाह दी जा रही है ताकि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकें।

जलवायु परिवर्तन के दौर में सरकारें किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित कर रही हैं। जलवायु अनुकूल खेती का प्रयोग कर किसान अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। आने वाले समय में गेहूं की खेती के लिए किसानों को समय-समय पर खेती के तरीकों की पुनर्विवेचना करने की आवश्यकता है। इसमें आधुनिक खेती के साथ मौसम अनुकूल बीजों का चयन प्रमुख है। आज के समय कुछ किसान आधुनिक खेती के साथ जलवायु अनुकूल खेती करने का प्रयास कर रहे हैं और इससे उन्हें अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। कई किसान अब मशीनों के साथ आधुनिक खेती कर रहे हैं इससे उनको जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक परिणामों से निबटने में उनको मदद मिल रहा है।

कृषि वैज्ञानिक किसानों से पुरानी सोच को बदलने की अपील कर रहे हैं और उन्हें आधुनिक खेती के साथ जलवायु अनुकूल खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके माध्यम से किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं और खेती में कम लागत से अधिक कमाई कर सकते हैं।

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