कृषि पिटारा

हरियाणा के करनाल में फसल कटाई प्रयोग तेजी पर, फसल बीमा आकलन में मिलेगी मदद

करनाल: देशभर के कई राज्यों में रबी फसलों की कटाई जहां अभी जारी है, वहीं हरियाणा के करनाल जिले में कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर फसल कटाई प्रयोग (Crop Cutting Experiment – CCE) शुरू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य चालू रबी सीजन के दौरान जिले में गेहूं और सरसों की फसलों की औसत पैदावार का वैज्ञानिक आधार पर मूल्यांकन करना है।

पैदावार में इज़ाफा, शुरुआती नतीजे उत्साहजनक

प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि इस बार जिले में गेहूं की औसत उपज लगभग 24 क्विंटल प्रति एकड़ आंकी गई है, जो कि पिछले वर्ष के औसत से करीब एक क्विंटल अधिक है। कृषि अधिकारियों का मानना है कि प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के बावजूद यह उपज संतोषजनक और आशाजनक है।

1,720 खेतों में होगा CCE, अब तक 1,100 खेतों में पूरा

कृषि विभाग ने जिले के 1,720 खेतों में CCE आयोजित करने की योजना बनाई है, जिनमें से अब तक 1,100 खेतों में प्रयोग पूरे हो चुके हैं। इन प्रयोगों के लिए विभाग की टीमें किसानों के खेतों का दौरा कर रही हैं, उनसे बातचीत कर रही हैं और कटाई के बाद खेत-स्तर पर वास्तविक उत्पादन का डेटा इकट्ठा कर रही हैं।

फसल बीमा योजना में सहायक

जिला कृषि उपनिदेशक (DDA) डॉ. वजीर सिंह ने बताया, “CCE के ज़रिए प्राप्त औसत उपज का आंकलन न केवल उत्पादकता विश्लेषण के लिए ज़रूरी है, बल्कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजे के निर्धारण में भी अहम भूमिका निभाता है।”

वर्तमान में, ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर करनाल के 56,646 किसानों ने गेहूं की खेती के तहत कुल 4,03,031 एकड़ भूमि का पंजीकरण कराया है। इनमें से अब तक 3,98,856 एकड़ का सत्यापन पूरा किया जा चुका है। साथ ही सरसों की फसल के लिए चयनित 250 खेतों में भी CCE किए गए हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी, रिपोर्ट जल्द

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (सांख्यिकी) डॉ. राजीव कुमार मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी खेतों का दौरा कर प्रयोगों की प्रगति की निगरानी की और किसानों से सीधी बातचीत की। डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि सभी प्रयोग पूरे होने के बाद आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा और इसके आधार पर अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

करनाल मंडियों में गेहूं की रिकॉर्ड आवक, पर उठान धीमा

करनाल मंडी में इस बार गेहूं की 61,81,875 क्विंटल आवक दर्ज की गई है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में करीब 19.33 लाख क्विंटल अधिक है। हालांकि, उठान की प्रक्रिया धीमी बताई जा रही है। अब तक आई कुल आवक में से सिर्फ 22,67,934 क्विंटल का ही उठान हो पाया है, जबकि 57,71,302 क्विंटल गेहूं अभी मंडियों में पड़ा है।


हरियाणा के करनाल जिले में CCE जैसे वैज्ञानिक तरीकों से फसल की पैदावार का आकलन किया जा रहा है, जिससे न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि सरकार को भी योजनाओं के तहत सटीक निर्णय लेने में मदद मिलेगी। बढ़ती उपज और रिकॉर्ड आवक जहां किसानों के लिए खुशी की बात है, वहीं मंडियों में उठान की धीमी रफ्तार पर भी विभाग को ध्यान देने की ज़रूरत है।

Related posts

Leave a Comment