नई दिल्ली: दूध का व्यवसाय करने वाले लोगों के बीच गिर नस्ल की गाय काफी लोकप्रिय है। इसकी लोकप्रियता न केवल हमारे व पड़ोसी देशों तक बल्कि ब्राजील तक फैली हुई है। गिर नस्ल की गाय का दूध 200 रुपये लीटर तथा घी 2000 रुपये किलो तक में बिकता है। स्वर्ण कपिला व देवमणी गाय इस नस्ल की सबसे श्रेष्ठ गायें मानी जाती हैं। स्वर्ण कपिला प्रतिदिन 20 लीटर तक दूध देती है। इसके दूध में सबसे अधिक 7 प्रतिशत तक वसा की मात्रा होती है।
अधिक दूध उत्पादन के लिए आप गिर नस्ल की गाय को मौसम के अनुसार चारा, पोषाहार व सब्जियां खिला सकते हैं। आप उन्हें जीवंती पाउडर भी खिला सकते हैं। इससे गाय का दूध में वृद्धि होगी। आप गायों को पलाश के फूल का पाउडर भी दे सकते हैं। गिर नस्ल की गायों का पालन करके आप उनसे बड़ी मात्रा में उत्कृष्ट घी प्राप्त कर सकते हैं। बाज़ार में उस घी की बहुत मांग है। इसके लिए सबसे पहले आप मिट्टी के बर्तन में दही जमा लें। फिर घड़े में ही उसे मथकर मक्खन निकाल लें, फिर गोबर के उपलों से हांडी या पीतल के बर्तन में मक्खन को तपाकर घी निकालें। इससे घी के गुण जस के तस बने रहेंगे। इस विधि से निकाले गए घी की कीमत सबसे अधिक होती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि चंदन व सागवान की लकड़ी की मथनी से मथा हुआ घी सेहत के लिए सबसे अधिक लाभकारी होता है। जबकि नीम की लकड़ी की मथनी से मथा हुआ घी डायबिटीज को नियंत्रित करता है। इसी तरह अर्जुन की लकड़ी से माथा हुआ घी ह्रदयरोग और पीपल की लकड़ी से बनी मथनी से तैयार घी शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है। वहीं चंदन की मथनी से तैयार घी मानसिक शांति व ऊर्जा प्रदान करता है। आप यदि गिर नस्ल की गाय का पालन घी के व्यवसाय के लिए करना चाहते हैं तो उपरोक्त विधियों से घी निकाल कर उसकी बिक्री कर सकते हैं। इससे आपको सामान्य किस्म के घी के मुकाबले अधिक कीमत प्राप्त होगी। गिर नस्ल की गाय के दूध से घी बनाने के बाद आप बचे हुए मावा केक से आयुर्वेदिक साबुन भी तैयार कर सकते हैं। इस तरह से देखा जाए तो व्यावसायिक स्तर पर इस नस्ल की गाय के पालन में काफी अच्छा मुनाफा है।