नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 21 से 23 फरवरी तक नेशनल ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन के जरिये केंद्र सरकार जैविक उत्पादों के प्रसंस्करण में महिला उद्यमियों की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहती है। यह इस प्रकार का पहला उत्सव है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी लगभग 150 महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूह हिस्सा लेंगे।
इस आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि, “केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर इस मेले का आयोजन कर रहा है।”
केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ओर से आयोजित इस तीन दिवसीय मेले में स्वयं सहायता समूह अपने मसाले, फल, सब्जी, शहद और ड्राई फ्रूट्स आदि प्रदर्शित करेंगे। इस उत्सव का एक प्रमुख उद्देश्य है जैविक उत्पादों को बढ़ावा देना। बताते चलें कि, इस मेले में महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों के अलावा गुजरात के दो सहकारी समूह भी हिस्सा ले रहे हैं।
इस नेशनल ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल में लोगों को जैविक उत्पादों के बारे में प्रशिक्षण के अलावा मार्केटिंग इनोवेशन प्रोग्राम इत्यादि का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, इस दौरान उत्पादकों को FSSAI के नियमों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस मेले में आगंतुकों का प्रवेश पूरी तरह नि:शुल्क है।
आपको बता दें कि, भारत जिन फसलों का प्रमुखता के साथ जैविक उत्पादन करता है उसमें कपास, दालें, चाय, औषधीय पौधे, कॉफ़ी, सब्जियाँ और गन्ना आदि शामिल हैं। जैविक खेती करने वाले सबसे ज्यादा किसान भारत में हैं जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से जैविक खेती के मामले में हम 9वें स्थान पर हैं। यही नहीं, देश में जैविक उत्पादों का उत्पादन भी मांग की तुलना में काफी कम है। अगर आँकड़ों की बात करें तो हमारे देश में जैविक उत्पादों का कारोबार वर्ष 2015 में 27000 करोड़ रुपये का था। इसे 2025 तक 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।