कृषि पिटारा

बिहार में ड्रैगन फ्रूट की खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों को 3 लाख तक की सब्सिडी

पटना: देश के किसानों में अब खेती के प्रति पारंपरिक सोच बदल रही है। बदलते दौर में अब किसान केवल गेहूं, धान या मक्का जैसी पारंपरिक फसलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब वे ऐसे फलों की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं, जो पहले केवल विशेष मौसम या विशेष भौगोलिक क्षेत्रों तक सीमित माने जाते थे। इसी कड़ी में एक नाम तेजी से लोकप्रिय हो रहा है—ड्रैगन फ्रूट। ठंडी जलवायु और सीमित इलाकों में उगने वाला यह विदेशी फल अब बिहार के मैदानी इलाकों में भी लहलहा रहा है।

इस बदलाव को और गति देने के लिए बिहार सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘ड्रैगन फ्रूट विकास योजना’ की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹3 लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह योजना राज्य सरकार के मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत लाई गई है, जिसका उद्देश्य किसानों की आमदनी को बढ़ाना और आधुनिक कृषि को बढ़ावा देना है।

बढ़ती मांग से बढ़ी संभावना

बाजार में ड्रैगन फ्रूट की मांग लगातार बढ़ रही है। इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों और आकर्षक स्वरूप ने इसे उपभोक्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय बना दिया है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने अपने चौथे कृषि रोडमैप में इस फल की खेती को विशेष प्राथमिकता दी है। सरकार का मानना है कि यह फल किसानों को पारंपरिक फसलों की तुलना में कई गुना अधिक लाभ दे सकता है।

इतनी मिलेगी सब्सिडी

ड्रैगन फ्रूट की खेती पर होने वाली लगभग ₹7.5 लाख प्रति हेक्टेयर लागत में से 40 प्रतिशत (₹3 लाख) की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी तीन किस्तों में किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी – पहली किस्त में 60% (₹1.8 लाख), दूसरी और तीसरी किस्त में 20-20% (₹60-60 हजार)। किसान इस राशि का उपयोग पौधारोपण, संरचना निर्माण और देखरेख से जुड़ी आवश्यक व्यवस्थाओं में कर सकेंगे।

आवेदन की प्रक्रिया

इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान अपने जिले के सहायक निदेशक, उद्यान से संपर्क कर सकते हैं। वे योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी जैसे अधिकतम क्षेत्रफल, पात्रता शर्तें और दस्तावेजों की सूची प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही किसान बिहार कृषि उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। योजना की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और चयनित किसानों को समयबद्ध ढंग से सब्सिडी की राशि दी जाएगी।

किसानों के लिए एक नया अवसर

विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन और सीमित संसाधनों के बीच टिकाऊ खेती का एक मजबूत विकल्प भी बन सकती है। चूंकि यह पौधा कम पानी में भी पनप सकता है और इसकी फसल कई वर्षों तक ली जा सकती है, इसलिए यह छोटे और मध्यम किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहा है।


बिहार सरकार की यह पहल राज्य के किसानों को आधुनिक फल उत्पादन की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। ड्रैगन फ्रूट जैसी व्यावसायिक फसलों को प्रोत्साहन देकर सरकार न केवल कृषि आय बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है, बल्कि किसानों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने की तैयारी भी कर रही है।

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