आज-कल प्रगतिशील किसान खेती में नए-नए प्रयोग करने से नहीं डर रहे हैं। एक तरह से यह सही भी है। क्योंकि कृषि तब तक फायदे का सौदा नहीं बन सकती है जब तक पारंपरिक विधियों को त्याग कर इसमें कुछ नया न आजमाया जाए। हाँ, पर कृषि में कोई भी नया प्रयोग करने से पहले उसके बारे में पर्याप्त ज्ञान अर्जित कर लेना भी ज़रूरी है।

आज कई किसान व्यावसायिक फसलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इन्हीं में से एक है ड्रैगन फ्रूट की खेती। उत्पत्ति के हिसाब से ड्रैगन फ्रूट एक मध्य अमेरिकी फल है। ख़ास बात यह है कि इस फसल में केवल एक बार निवेश के बाद पारंपरिक खेती के मुकाबले लगभग 25 वर्षों तक आमदनी जारी रहेगी।
ड्रैगन फ्रूट कई बीमारियों में काम आता है। शुगर व हड्डी में दर्द आदि में यह काफी फायदेमंद होता है। ड्रैगन फ्रूट का पौधा जब अच्छी तरह तैयार हो जाता है तो उसका फल दो सौ से ढाई सौ रुपये किलो में बिकता है। इस फल की खेती के साथ सबसे अच्छी बात यही है – ऊँची कीमत के साथ इसकी अच्छी मांग का होना।

किसानों की विशेष मांग पर रेडियो पिटारा ने ड्रैगन फ्रूट की खेती के विशेषज्ञ राकेश कुमार जी से बात की। राकेश जी के पास ड्रैगन फ्रूट की खेती का अच्छा अनुभव है। वे विषय पर बातचीत करते हुए बताते हैं कि “ड्रैगन फ्रूट कैक्टस की प्रजाति का एक फल है। इसकी काफी मांग है। जो आने वाले समय में और भी बढ़ने वाली है।” ड्रैगन फ्रूट के लिए खेत की तैयारी के बारे में वे बताते हैं कि, ‘’इसके पौधों को सीमेंट के खंभो का सहारा देना पड़ता है। यदि एक बार आपने खेत तैयार कर लिया तो आपको अगले 25 वर्षों तक निश्चित आमदनी होती रहेगी। यहाँ तक कि ड्रैगन फ्रूट में कीड़े लगने अथवा किसी रोग के आक्रमण का भी कोई खतरा नहीं होता है। इसमें बाह्य कारकों से नुकसान की ना के बराबर गुंजाइश है।” सुनिए पूरी बातचीत।