टपक सिंचाई या ड्रिप इरीगेशन विधि को अपनाने से पानी की खपत में लगभग 50 प्रतिशत की बचत होती है। साथ ही, किसानों की आय में 20 प्रतिशत की वृद्धि के और उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग में भी 40 प्रतिशत तक कमी आती आई। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि इस विधि से जल का समुचित एवं समन्वित उपयोग होता है।
टपक सिंचाई विधि के इस्तेमाल से खरपतवार नहीं पनपते हैं तथा खेत में प्रयुक्त पानी का दुरुपयोग या फिर ओवर फ्लडिंग की संभावना भी समाप्त हो जाती है। उर्वरकों का भरपूर लाभ प्राप्त होता है और किसान की खेती की लागत में कमी आती है। इस प्रकार, गन्ने की उपज में वृद्धि से अधिक आय की प्राप्ति होने लगती है। तो किसान मित्रों, टपक सिंचाई या ड्रिप इरीगेशन विधि वर्तमान जल संकट या महंगी कृषि लागत से निपटने में काफी सहायक हो सकती है।