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कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों की इन समस्याओं का होगा समाधान

नई दिल्ली: साल 2022-23 का आम बजट वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया जा चुका है। इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। उन्हीं में से एक है – कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना। बदलते समय व नई जरूरतों के लिहाज से अगर देखा जाए तो कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों की सहायता से कई क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं। इसके लिए सरकार के स्तर पर प्रोत्साहन के साथ-साथ किसानों की ओर से भी नई तकनीकों के साथ परस्पर सामंजस्य बिठाने की आवश्यकता है। हालाँकि अब इस दिशा में काफी किसान तेजी से अपना कदम बढ़ा रहे हैं।

कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल कई बड़े बदलाव लाने में सक्षम है। ड्रोन के जरिये फसलों स्थिति का आकलन करने, भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और फसलों पर कीटनाशकों व पोषक तत्वों का छिड़काव करने के साथ-साथ कई और काम भी बड़ी आसानी से किए जा सकते हैं। इससे एक ओर जहां कृषिगत लागत में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर किसानों के समय की बचत भी होगी। आजकल कृषि कार्यों के लिए समय पर श्रमिकों का न मिलना एक गंभीर समस्या है। अगर कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा तो खाद और कीटनाशक के छिड़काव में किसानों को काफी आसानी होगी और उन्हें इस काम के लिए श्रमिकों की तलाश में नहीं भटकना पड़ेगा। एक तथ्य यह भी है कि कीटनाशक का छिड़काव करने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य पर उनका काफी असर पड़ता है। जब यह काम मशीन से होगा तो इस समस्या का भी समाधान हो जाएगा। हालाँकि शुरुआत में सरकार के इस प्रयास का लाभ सिर्फ बड़े किसान ही उठा पाएंगे। क्योंकि इस तकनीक के इस्तेमाल पर ठीक ठाक खर्चा आएगा।

आपको बता दें कि इस समय केंद्र सरकार लैंड रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने का काम कर रही है। ड्रोन से इस काम में भी काफी मदद मिलने की उम्मीद है। कृषि क्षेत्र में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने और कृषि स्टार्टअप्स की मदद करने के लिए नाबार्ड की तरफ से फाइनेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार की कोशिश है कि नई तकनीकों के लाभ से किसानों को वंचित नहीं रखा जाए। क्योंकि तकनीकों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए जा सकते हैं।

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