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कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए तैयारियाँ तेज, जल्द होगा इसका प्रदर्शन

नई दिल्ली: केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। सरकार ने इस बार का बजट प्रस्तुत करते हुए खेती में ड्रोन के प्रयोग को बढ़ावा देने की घोषणा की थी। सरकार का मानना है क‍ि खेती में ड्रोन टेक्‍नोलॉजी लागू होने से किसानों को काफी सहूलियत होगी। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए जल्‍द ही खेतों में ड्रोन का प्रदर्शन होगा, ज‍िससे क‍िसान जान सकेंगे क‍ि वो खेती में ड्रोन का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? इसके लिए केंद्रीय कृष‍ि व क‍िसान कल्‍याण मंत्रालय ने सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए ICAR ने ड्रोन के प्रदर्शन की योजना तैयार करने के न‍िर्देश द‍िए हैं। ये न‍िर्देश ICAR की ओर से अपने सभी सम्बद्ध संस्‍थानों, कृष‍ि व‍िज्ञान केन्द्रों और राज्‍य कृष‍ि व‍िश्‍वव‍िद्यालयों को द‍िए गए हैं। अभी हाल ही में इस संबंध में कृषि‍ व क‍िसान कल्‍याण मंत्रालय की ओर से एक बैठक आयोजित की गई थी। इसकी अध्यक्षता मंत्रालय के अति‍र‍िक्‍त सचि‍व अभ‍िलाष लि‍खी ने की। जानकारी के मुताबि‍क बैठक में राज्यों को सलाह दी गई है कि वे 2022-23 के लिए एक ठोस योजना का प्रस्ताव दें, जिसमें किसान के खेत पर ड्रोन के प्रदर्शन के साथ-साथ ड्रोन के माध्यम से कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करना शामिल है।

गौरतलब है क‍ि बजट 2022-23 की घोषणा के मद्देनजर फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना है। केंद्र सरकार खेती के ल‍िए ड्रोन की खरीद करने पर क‍िसानों व क‍िसान संगठनों को व‍ित्‍तीय मदद उपलब्‍ध करा रही है। इसके तहत ड्रोन की खरीददारी पर अध‍िकतम 5 लाख रुपए तक की व‍ित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराई जा रही है। केंद्रीय कृष‍ि व क‍िसान कल्‍याण मंत्री नरेंद्र स‍िंह तोमर ने बीते द‍िनों लोकसभा में यह बताया कि ड्रोन की खरीद करने वाले नए और पुराने कस्टम हायरिंग सेंटर, किसान उत्पादक संगठन और ग्रामीण उद्यमि‍यों को 40 प्रतिशत (4 लाख तक, दोनों में जो भी कम हो) की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। जबकि कृष‍ि स्‍नातकों की ओर से स्‍थाप‍ित क‍िए गए कस्टम हायरिंग सेंटर को 50 प्रतिशत तक (5 लाख तक, दोनों में जो भी कम हो) की वित्तीय सहायता उपलब्‍ध कराई जा रही है।

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