उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और सब्सिडी व योजनाओं के लाभ प्रदान करने के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण ‘ई-पड़ताल’ की शुरुआत होने जा रही है। ई-पड़ताल का मुख्य उद्देश्य राज्य में फसलों का आंकड़ा जुटाना है। सरकार जानना चाहती है कि राज्य में कौन सी फसलें कितने रकबे में उगाई जाती हैं। इसके साथ ही, अब प्राकृतिक आपदा से फसलों का नुकसान होने पर किसानों को समय पर मुआवजा मिलना आसान हो जाएगा।
इस आयोजन में, योगी सरकार दो चरणों में खरीफ फसलों का ई-पड़ताल करेगी। इसके लिए, 10 अगस्त से 15 सितंबर तक एक कैंपेन चलाया जाएगा। ई-पड़ताल के पहले चरण में 21 और दूसरे चरण में 54 जिलों में सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा। इसके लिए, योगी सरकार ने राज्य, जिला और तहसील स्तर पर कुल चार कमेटियां गठित की हैं, जिनका नेतृत्व मुख्य सचिव करेंगे।
यह विशेष बात है कि ‘ई-पड़ताल’ के माध्यम से केवल फसलों का डेटा ही नहीं एकत्रित किया जाएगा, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए 6 प्वाइंट में एक फ्रेमवर्क भी तैयार किया गया है। ई-पड़ताल के माध्यम से एकत्रित डेटा के आधार पर किसानों को योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, फसलों की एमएसपी (मिनिमम समर्थन मूल्य) निर्धारित करने में भी एकत्रित डेटा मददगार सिद्ध हो सकता है।
इस सर्वेक्षण में, राज्य के 75 जिलों की 350 तहसीलों में 31002 अकाउंटेंट के माध्यम से 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर का डेटा शामिल किया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर में फसलों की फोटो, उनकी स्थिति और अन्य संबंधित डेटा दर्ज किया जाएगा। इस सर्वेक्षण के अंतर्गत, प्रत्येक जनपद में ‘जिला मास्टर ट्रेनर्स’ और प्रत्येक तहसील स्तर पर ‘तहसील मास्टर ट्रेनर्स’ की नियुक्ति की जाएगी। ये ट्रेनर्स लखनऊ में प्रशिक्षित किए जाएंगे।