नई दिल्ली: अगर सब्जी की खेती कर आप अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो बैंगन की खेती आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। बैंगन की सफल खेती में लागत के मुक़ाबले काफी अधिक मुनाफा है। बैंगन की खेती जुलाई के महीने में शुरू की जा सकती है। इसके दो महीने बाद यानी सितंबर महीने तक बैंगन की फसल तैयार हो जाती है। अगर आप बैंगन की खेती करने जा रहे हैं तो अधिक उत्पादन के लिए दो पौधों के बीच की दूरी का खास तौर पर ध्यान रखें। इसकी खेती में दो पौधों और दो कतारों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी मौजूद होनी चाहिए।
इसके अलावा खाद और उर्वरक का इस्तेमाल मिट्टी जांच के परिणामों के अनुसार ही करना चाहिए। अगर आपने मिट्टी की जांच नहीं कराई है तो खेत तैयार करते समय 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें। इससे आपको अच्छी पैदावार मिलेगी और उत्पाद के रंग व आकार भी सही रहेंगे। इससे बाज़ार में आपकी पैदावार का अच्छा भाव मिलेगा।
अगर आप बैंगन के खेत में रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने वाले हैं तो 200 किलोग्राम यूरिया, 370 किलोग्राम सुपर फॉस्फेट और 100 किलोग्राम पोटैशियम सल्फेट का प्रयोग करें। यूरिया की एक तिहाई मात्रा और सुपर फॉस्फेट की पूरी मात्रा खेत में आखिरी बार तैयारी करते समय इस्तेमाल करें। साथ ही रोपाई के दो सप्ताह बाद मोनोक्रोटोफास 0.04 मिलीलीटर को प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें।
बैंगन के खेत में खर-पतवार नियंत्रण बहुत जरूरी है। समय से निराई गुड़ाई करने से फसल की बढ़वार अच्छी होती है और पैदावार पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। जहां तक सवाल है फसल की सिंचाई का तो जुलाई महीने में वैसे तो अच्छी बारिश होती है, लेकिन अगर बारिश न हो तो आप जरूरत के अनुसार फसल की सिंचाई कर सकते हैं। जब बैंगन के फल मुलायम हों और उनमें ज्यादा बीज न बनें हों तब ही उन्हें तोड़ लें। फल ज्यादा बड़ा हो जाने पर इनमें बीज पड़ जाते हैं और तब ये उतने स्वादिष्ट नहीं रह जाते हैं। उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर आप बैंगन की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।