नई दिल्ली: केंचुआ, जिसे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खाद स्रोत माना जाता है, खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में बहुत उपयोगी होता है। किसान इसे अपनी फसलों की पोषण के लिए और मछलियों के लिए खाद के रूप में उपयोग कर रहे हैं। केंचुआ, जो प्राचीन काल से ही किसानों का मित्र रहा है, अब एक बार फिर किसानों के लिए महत्वपूर्ण बन रहा है। इसे खेतों में उपलब्ध सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों को उर्वरक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो फसलों को पोषण प्रदान करते हैं।
यह गांवों में प्राकृतिक तरीके से पैदा होता है और जब किसान इसे खाद के रूप में उपयोग करते हैं, तो यह खेतों की उर्वरता को बढ़ाने में मदद करता है। यह फसलों के उत्पादन में वृद्धि करता है और जैविक खेती को प्रोत्साहित करता है। हालांकि, कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा है कि केंचुओं की संख्या में कमी हो रही है, जिससे भूमि की उर्वरता में भी कमी आ रही है। इसका मतलब है कि किसानों को फिर से केंचुआ खाद के लिए आवश्यकता है।
केंचुआ खाद बनाने के लिए आपको एक अंधेरे और हवादार स्थान की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपको दो मीटर लंबे और एक मीटर चौड़े स्थान को चारों ओर से एक मेंढ़ बना लेना होता है। उस जगह पर केंचुओं और अन्य पदार्थों को इकट्ठा करें। फिर इसमें 40 से 60 केंचुए प्रति वर्ग फुट की दर से डाल दें। इसके बाद उसे भूसा, सूखे पत्ते, गोबर से ढक दें। इसके बाद कुछ ही महीनों में आपकी केंचुआ खाद तैयार हो जाएगी। केंचुआ खाद का उपयोग जैविक खेती में प्रदूषण की समस्याओं से बचाने के लिए किया जा रहा है। यह किसानों को बेहतर फसल उत्पादन की दिशा में एक नई राह दिखा रहा है और जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रहा है।