कृषि पिटारा

अगले कुछ दिनों में अल नीनो दे सकता है दस्तक, पीएम फसल बीमा योजना से किसानों को मिलेगा संबल

नई दिल्ली: अगस्त महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने के लिए मौसम विभाग ने एक जरूरी अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट अल नीनो को लेकर है। दो महीने पहले मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया था कि जुलाई के बाद देश में अल नीनो के हालात बन सकते हैं। इससे मौसम में बदलाव हो सकता है और फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है। अल नीनो सक्रिय होने पर फसलों की सिंचाई के लिए पानी की कमी हो सकती है और कीट व बीमारियों का हमला शुरू हो सकता है। इससे उपज की पैदावार भी गिर सकती है। किसानों के लिए यह एक चिंता का समय है, क्योंकि पिछले कई महीनों से मौसम की मार से उन्हें नुकसान हो रहा है। अगर अल नीनो के प्रभाव से भी फसलों को नुकसान हुआ तो उनकी स्थिति और भी बदतर हो सकती है। इसलिए, जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया है, उन्हें आशा है कि उन्हें मुआवजा मिलेगा और वे इस कठिन समय को सामान्यता से पार कर सकेंगे।

जब अल नीनो सक्रिय होता है, तो मौसम में विभिन्न परिवर्तन देखे जाते हैं। इससे फसलों पर काफी असर पड़ता है। जिन इलाकों में तेजी से मौसमी परिवर्तन होता है, वहां अल नीनो का असर सबसे अधिक होता है। इसके कारण सूखा पड़ जाता है और फसलों की सिंचाई के लिए पानी की कमी हो जाती है। इससे कीट और बीमारियों का हमला होता है, जिससे फसल की पैदावार गिर जाती है। यह स्थिति किसानों के लिए बहुत परेशानी का समय बन जाता है। लेकिन, जो किसान ने फसल बीमा करवा रखी है, उन्हें कम से कम अपने नुकसान का मुआवजा तो मिलेगा।

फसल बीमा करवाने से किसानों को कई लाभ मिलते हैं। अगर फसल को अल नीनो जैसी प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ तो उन्हें बीमा के माध्यम से मुआवजा मिलेगा। इससे उन्हें अगली फसल को बोने के लिए आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। फसल बीमा से वे अपनी फसल को बेफिक्र होकर बोएंगे। इसके लिए वे खेती में नई-नई तकनीकें भी अपनाएंगे, जो उनके लिए लाभदायक साबित होंगे। फसल बीमा करवाने से उन्हें खेती में बेहतरी का मौका मिलता है।

अल नीनो के प्रभाव से होने वाले नुकसान से बचने के लिए फसल बीमा एक अच्छा विकल्प है। यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के रूप में किसानों को बेहतर जीवन सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर किसानों ने फसल बीमा करवा रखी है, तो उन्हें नुकसान का मुआवजा मिलने के साथ-साथ उनके मन में चिंता का भार भी कम होता है। वे बेफिक्र होकर खेती में जुट सकते हैं और सफलतापूर्वक अगली फसल की खेती कर सकते हैं। फसल बीमा योजना ने किसानों को सुरक्षित किया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम प्रदान किया है। इससे उन्हें समृद्धि की ओर एक नई उम्मीद मिली है जो किसानों के लिए बेहद जरूरी है।

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