खेती-किसानी

कीवी की वैज्ञानिक खेती से किसानों को हो रहा है जबरदस्त मुनाफा

कीवी फल अब सिर्फ विदेशी स्वाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह भारतीय किसानों के लिए भी एक लाभदायक फसल बनता जा रहा है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ कीवी की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेज़ी से बढ़ रही है। यह छोटा लेकिन अत्यंत पौष्टिक फल विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। डॉक्टर भी इसे रोजाना खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, पाचन में सुधार लाता है और आंखों से लेकर ब्लड प्रेशर तक का ख्याल रखता है।

वैज्ञानिक खेती से कीवी उत्पादन में बढ़ोतरी

किसानों के लिए कीवी की वैज्ञानिक खेती अब एक फायदे का सौदा बन चुकी है। पारंपरिक तरीकों की तुलना में वैज्ञानिक खेती के जरिए न सिर्फ उत्पादन बढ़ा है, बल्कि फलों की गुणवत्ता में भी जबरदस्त सुधार देखा जा रहा है। सही किस्मों का चयन, समय पर पौधारोपण, संतुलित खाद प्रबंधन और सटीक सिंचाई व्यवस्था ने इस फसल को और अधिक लाभदायक बना दिया है। साथ ही कीट और बीमारियों से सुरक्षा के उपायों ने किसानों की फसल को सुरक्षित रखने में मदद की है।

उपयुक्त क्षेत्र और जलवायु बना वरदान

भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर-पूर्वी राज्यों की समशीतोष्ण जलवायु कीवी की खेती के लिए आदर्श मानी जाती है। ठंडा मौसम, हल्की बारिश और उपजाऊ दोमट मिट्टी इस फसल की वृद्धि के लिए जरूरी तत्व हैं। इन क्षेत्रों में किसान तेजी से कीवी की वैज्ञानिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं और इससे अच्छी आमदनी भी अर्जित कर रहे हैं।

बढ़ती मांग से मिल रहा बेहतर बाजार मूल्य

कीवी की मांग न केवल भारत में बल्कि वैश्विक बाजारों में भी बढ़ रही है। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ते रुझान ने इसे एक सुपरफूड के रूप में स्थापित कर दिया है। भारत में इसका निर्यात भी बढ़ रहा है, जिससे किसानों को बेहतर बाजार मूल्य मिलना शुरू हो गया है।

कीवी के स्वास्थ्य लाभों ने बढ़ाई लोकप्रियता

कीवी फल में मौजूद विटामिन C रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और वायरल संक्रमणों से बचाता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। आंखों के लिए इसमें मौजूद ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन एंटीऑक्सीडेंट्स बेहद लाभकारी होते हैं। पोटेशियम की अधिकता इसे ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मददगार बनाती है। इतना ही नहीं, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कम प्राकृतिक शर्करा की वजह से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सुरक्षित फल माना जाता है।

कीवी अब न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से एक जरूरी फल बन गया है, बल्कि किसानों के लिए भी यह एक सुनहरा अवसर बनकर उभरा है। वैज्ञानिक खेती और बढ़ती मांग के बीच यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में कीवी की खेती और उपभोग दोनों में तेजी आएगी।

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