नई दिल्ली: सफ़ेद बैंगन सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के बीच इन दिनों तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इस सब्जी की खेती किसानों के लिए मुनाफा कमाने का अच्छा अवसर दे रहा है। इसका एक विशेष फायदा यह है कि इसे पूरे साल में कभी भी उगाया जा सकता है। सफेद बैंगन में सामान्य बैंगन के मुकाबले अधिक मात्रा में विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जैसे कि विटामिन बी, पोटैशियम, कॉपर और मैग्नीशियम – जो इसे एक पौष्टिक विकल्प बनाते हैं। इसका पौधा और पत्तियाँ कुछ चिकित्सा पद्धतियों में भी काम आती हैं।
किसानों को सफेद बैंगन की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले एक नर्सरी तैयार करनी होगी। इसके लिए खेतों की कई बार जुताई करनी होगी और फिर मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करना होगा। इसके बाद क्यारी तैयार की जाती है और उसमें सफेद बैंगन के बीज बो दिए जाते हैं। फिर सिंचाई के बाद, क्यारी को पुआल से ढँक दिया जाता है और निराई-गुड़ाई भी की जाती है। इसके एक माह के बाद, सफेद बैंगन के पौधे तैयार हो जाते हैं। अब उन्हें नर्सरी से उखाड़कर खेत में लगा सकते हैं।
यदि किसान सफेद बैंगन के पौधे फरवरी महीने में लगाते हैं, तो जून में ही इसमें बैंगन लगने शुरू हो जाते हैं। बैंगन के पौधों को हर 20 दिन में पानी दिया जाता है। इसके लिए ड्रिप सिंचाई काफी उपयोगी साबित हो सकती है। इन पौधों को सहारे की जरूरत होती है, इसलिए इन्हें एक बांस की छड़ी से सहारे पर बांधा जा सकता है। बाजार में सफेद बैंगन की कीमतें प्रति किलो 60 से 80 रुपये तक होती हैं, इसलिए एक एकड़ जमीन में सफेद बैंगन की खेती करके किसान लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।